For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s Discussions (5,261)

Discussions Replied To (4387) Replies Latest Activity

"एक चमकते सूरज ने मुझको किरनें बख्शी थीं, फिर खुद भी वो डूब गया मुझको भी नाकाम किया।…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"माँ के चरणों में जो पाया और कहीं वो मिला नहीं बैठ के इन पावन चरणों में तीरथ चारों धा…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"आ0 भाई सुनील जी, बहुत बेहतरीन ग़ज़ल हुई है दिली बधाइयाँ l"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"आ० राजेश बहन इस  सुन्दर ग़ज़ल के   लिए बहुत बहुत बधाई"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"जिसमें साहस और हिम्मत है, दरिया पार करेगा वो मेरी हर इक कोशिश को तो, तूफाँ ने नाकाम…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"मंदिर मस्जिद के सपनों में अक्सर थककर चूर हुईं जब बच्चों को हँसते देखा, आँखों ने आराम…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"पेट भरा  उसका  ही  तूने  जिसने चक्का जाम किया भूखे पेट मिला सोने को जिसने दिनभर काम…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"आ0 भाई मिथिलेश जी, दोहों के अनुमोदन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Apr 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"दूसरी प्रस्तुति- गजलअब  कहाँ  बाकी  रही  वो  सादगी   व्यवहार मेंचल  रही  है  आँख चुभ…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Apr 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

"आ0 भाई मिथिलेश जी, यह गीत भी लाजवाब हुआ । पुनः बधाई स्वीकारें ।"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Apr 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-54

755 Apr 11, 2015
Reply by rajesh kumari

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
6 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service