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Er. Ganesh Jee "Bagi"'s Discussions (8,124)

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"यूं आइनों ने आज भी टोका नहीं मुझे, मैं फिर भी शर्मसार रहा, जब उधर गया. आदरणीय अरविन्…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"अच्छी ग़ज़ल है दिलबाग जी, दाद कुबूल कीजिये |"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"इस ग़ज़ल की जान मतला है, बेहतरीन कहन है आदरणीय अम्बरीश भाई, बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल कही…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"माल चोखा हो तो माला तो मिलनी ही थी | माला जी के लिए भी बधाई :-)))"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"दोनों पसार हाथ सिकंदर पसर गया पानी के बुलबुले की तरह हर बशर गया.......वाह वाह आदरणीय…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"आदरणीय सौरभ भाई साहब, मैं किस किस शेर को कोट करूँ , सभी शेर एक से बढ़कर एक, तुरत फुरत…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"//जिस का चिराग हो रहा  रोशन विदेश में काली अमावसों में  बुढ़ापा गुजर गया// वाह आदरणी…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"रहता है मेरे दिल में ये मुझको खबर न थी मैं जिसको ढूँढने के लिए दर बदर गया वाह वाह आद…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"बहुत सुन्दर दीप भाई, सच कहूँ तो आपको वजनोंबहर में ग़ज़ल कहते हुए देख बहुत ही सुखन का…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी, आपको ग़ज़ल कहते देख अच्छा लगा, प्रयास, सिखने की ललक और मार…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 30, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

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