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लक्ष्मण रामानुज लडीवाला's Discussions (4,212)

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" रचना पसंद करने और उत्साह बढ़ने हेतू हार्दिक आभार आदर.राजेश कुमारी जी               …"

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"लेती जा बेटी संग बाबुल की दुआएं  बेटी को सजल नयनों से बिदाई का द्रश्य माहौल को भावुक…"

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"नयन महिमा  कोई छेड़ता प्राण प्रिया को चंचल नयनों से, कोई भिगोता भावुकता को पुलकित नय…"

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"अरुण कुमार निगम जी, अनुभूति कर दिल पर लिखना, सूरदासजी जैसे महाकवि द्वारा  महाकव्य लि…"

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"आज की सच्ची बयां करते छंद बरवै भाई अम्बरीष जी हार्दिक बधाई "

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"तिरछी - नजरें कभी कटारी होती थीं अब दिल में घुसता है भाला प्राणप्रिये |बुझे - बुझे स…"

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1054 Jul 9, 2012
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"छुपाते नहीं राज सब खोलते हैं ,क्या ये नैना तुम्हारे सच बोलते हैं  प्रथम रचना क्या इत…"

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"तुम्हारे नयनों की रचना बहुत भाव भरे बहुत घांव करे  फिर हम न क्यों इस सुन्दरता का अपन…"

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"तेरे उभरे नयनों में .....वरालि सी हो चाँदनी... लज्जा की व्याकुलता  ऐसे नयनों को पढ़न…"

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"व्यकुल तरसते  करोडो नयन,आत्म भ्रमित लाखो नयन, विश्वास भरे हजारो नयन  आस भरे हजारे यु…"

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago

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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
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"मुस्काए दोस्त हम सुकून आली संस्कार आज फिर दिखा गाली   वाहहह क्या खूब  ग़ज़ल '…"
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दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
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लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
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दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
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Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
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Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
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