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munish tanha's Discussions (683)

Discussions Replied To (683) Replies Latest Activity

"इस लिए करते रहे दीदार दिलबर रात भर माह ए - कामिल को तेरा चहरा समझ बैठे थे हम l आदरणी…"

munish tanha replied Feb 22, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"'यह भी इक धोका ही था जो धूप में तुझको सराब ।तिश्नगी के वास्ते दरिया समझ बैठे थे हम।'…"

munish tanha replied Feb 22, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"'कह दिया सो कह दिया ऐसे नहीं चलता यहाँहर किसी को ख़ुद सा ही सादा समझ बैठे थे हम' आदर…"

munish tanha replied Feb 22, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"आपको नफरत थी हमसे क्या समझ बैठे थे हमनासमझ थे आपको अपना समझ बैठे थे हम        चैन  ल…"

munish tanha replied Feb 21, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-116

189 Feb 22, 2020
Reply by munish tanha

"सामने आंख के जब ऐसा नजारा निकला देख कर होश उड़े दिल भी हमारा निकला बदनसीबी न कहें और…"

munish tanha replied Dec 28, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-114

76 Dec 28, 2019
Reply by Samar kabeer

"212-1222-212-1222आदमी नहीं मिलते अब यहाँ मिसालों मेंबिक गए सभी देखो सिर्फ दो निवालों…"

munish tanha replied Aug 23, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-110

210 Aug 24, 2019
Reply by Asif zaidi

""अश्कों के समंदर में न पतवार चलेगी  अब कश्ती मेरी कौन निकालेगा भँवर से" आदरणीय रचना…"

munish tanha replied Jul 27, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109

305 Jul 27, 2019
Reply by Samar kabeer

""इक रब्त अजब सा है मेरे आँसू में, मुझ में आँखों से गिरा वो मेरी, मैं तेरी नज़र से." आ…"

munish tanha replied Jul 27, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109

305 Jul 27, 2019
Reply by Samar kabeer

""अटके हुए हैं शाखों पे किस्से कई अब भी बचपन की महक आती है आँगन के शजर से " आदरणीय अं…"

munish tanha replied Jul 27, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109

305 Jul 27, 2019
Reply by Samar kabeer

""वो मौका भी  छूटा  है  सनम  शह्र में आयेकर बात जो  लेते  थे  कभी  गाँव शजर से।" आदरण…"

munish tanha replied Jul 27, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-109

305 Jul 27, 2019
Reply by Samar kabeer

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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
7 hours ago
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'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
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"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
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२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
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दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
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"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
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गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
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