For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नादिर ख़ान's Discussions (1,566)

Discussions Replied To (1525) Replies Latest Activity

"जनाब अमीरुद्दीन साहब उम्दा गज़ल हुई बधाई ... गुणीजनों की इस्लाह ने ग़ज़ल को बेहतरीन बना…"

नादिर ख़ान replied Jul 27, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169

282 Jul 28, 2024
Reply by Samar kabeer

"कि जिसने मुझसे कहा था कदम बढ़ाने को सितम करे है वही कह के लौट जाने को ...1   मिली न छ…"

नादिर ख़ान replied Jul 27, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169

282 Jul 28, 2024
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय अमित जी बेहतरीन गजल के लिए मुबारकबाद आपको ..."

नादिर ख़ान replied May 24, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

160 May 25, 2024
Reply by Richa Yadav

"जनाब  ज़ैफ़ साहब बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई बहुत मुबारकबाद आपको ... 5वें शेर में पैरों के आबलो…"

नादिर ख़ान replied Feb 24, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164

215 Feb 25, 2024
Reply by Mahendra Kumar

"ग़ज़ल के अशआर में कुछ संशोधन किया है कृपया अपने सुझाओ दें ..   मा’ना बहुत से ऐब हैं इस…"

नादिर ख़ान replied Feb 24, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164

215 Feb 25, 2024
Reply by Mahendra Kumar

"आदरणीय संजय शुक्ला जी उम्दा गज़ल हुई बधाई ..."

नादिर ख़ान replied Feb 23, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164

215 Feb 25, 2024
Reply by Mahendra Kumar

"आदरणीय अजय गुप्ता जी अच्छी गज़ल हुई मुबारकबाद स्वीकारें अमित जी के सुझाओ क़ाबिल-ए-ग़ौ…"

नादिर ख़ान replied Feb 23, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164

215 Feb 25, 2024
Reply by Mahendra Kumar

"आदरणीय  जयनित कुमार जी अच्छी गज़ल हुई, सुझाओ भी अच्छे आए बधाई स्वीकारें  ."

नादिर ख़ान replied Feb 23, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164

215 Feb 25, 2024
Reply by Mahendra Kumar

"आदरणीय अमित जी शानदार ग़ज़ल के लिए ढेरों मुबारकबाद आपको ..."

नादिर ख़ान replied Feb 23, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164

215 Feb 25, 2024
Reply by Mahendra Kumar

"जनाब शिज्जु "शकूर साहब उम्दा गजल हुई बहुत बधाई ... क्यों अपनी बह्स में उन्हें तुम खी…"

नादिर ख़ान replied Feb 23, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164

215 Feb 25, 2024
Reply by Mahendra Kumar

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
48 minutes ago
Chetan Prakash commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"मुस्काए दोस्त हम सुकून आली संस्कार आज फिर दिखा गाली   वाहहह क्या खूब  ग़ज़ल '…"
14 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
Wednesday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
Tuesday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service