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नादिर ख़ान's Discussions (1,566)

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"जब मनाता भारत अपनी आजादी का जश्न यहाँ पट्टियाँ आँखों पर तेरे  पैरों में जंजीर दिखे…"

नादिर ख़ान replied Mar 9, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

"बेटे प्यार मुहब्बत पायें बेटी को शमशीर मिले,बस्ती बस्ती जिधर भी जायें दो रंगी तस्वीर…"

नादिर ख़ान replied Mar 8, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

"छन्न पकैया, छन्न पकैया, यह ऋतु बारहमासी, पुत्र विदेशी साहब, घर में, पिता हुए बनवासी।…"

नादिर ख़ान replied Mar 8, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

"सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीय प्रदीप कुमार जी ...."

नादिर ख़ान replied Mar 8, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

"अधिकारी है महिलाए भी, आधी दुनिया उनके नाम ऊँची उड़ान भरी कल्पना, बाकी बचा न कोई काम स…"

नादिर ख़ान replied Mar 8, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

"उसका रत्न जड़ित स्वर्ण महल - मेरे लिए सिर्फ रेत का घरौंदा - जाने कब ढह जाए ..... सुंद…"

नादिर ख़ान replied Mar 8, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

"दिल में रखते और कुछ , मुँह में है कुछ और दिवस  मनाना  इस तरह, पहुँचेगा किस ठौर    हक़…"

नादिर ख़ान replied Mar 8, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

"छन्न पकैया ,छन्न पकैया , पौरुष या पुरुषार्थ।दो - रंगी तस्वीर के चलते , सिर्फ बचा है…"

नादिर ख़ान replied Mar 8, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

"आदरणीय सौरभ सर,आपकी रचना काफी मशक्कत के बाद मुझे समझ आती है, और जब समझ आती है दिल से…"

नादिर ख़ान replied Mar 8, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

"दोरंगी इस देश की, बड़ी अज़ब तस्वीर।                           लाखों धनपति और यहाँ, भूख…"

नादिर ख़ान replied Mar 8, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-41 (Now Closed)

693 Mar 10, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

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"आदरणीय सौरभ भाईजी, समय देने के बाद भी एक त्रुटि हो ही गई।  सच तो ये है कि मेरी नजर इस पर पड़ी…"
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, इस प्रस्तुति को समय देने और प्रशंसा के लिए हार्दिक dhanyavaad| "
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपने इस प्रस्तुति को वास्तव में आवश्यक समय दिया है. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी आपकी प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. वैसे आपका गीत भावों से समृद्ध है.…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्र को साकार करते सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
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