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Rekha Joshi's Discussions (371)

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" आदरनीय आलोक जी  जिंदगी भर तरसते रहे दो नयन मौत पर आज उनका हुआ आगमन दर्शनों हित खुले…"

Rekha Joshi replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"अम्बरीश जी , अंधकार में डूबी, जिसकी सृष्टि नेत्रदान कर दे दें, उसको दृष्टि,नेत्र दान…"

Rekha Joshi replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"सवी जी  संसार को छोड़ने का जब आता है समय | साँस थम जाती है, खुले रहते हैं नयन || ,क्…"

Rekha Joshi replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"संजय जी , हाँ! जीवन की राह न सीधी, मगर न चाल चलें टेढ़ी, सोचो, आँखों से गिर मोती, माट…"

Rekha Joshi replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"दिलबाग जी  है ये दर्पण जो देखना हो मन देखो नयन |,वाह क्या कहने ,बहुत बढ़िया हाइकु,बध…"

Rekha Joshi replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"आशीष जी ,उत्साह बढ़ाने के लिए आपका बहुत बहुत आभार "

Rekha Joshi replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"प्रवीण जी , होठ न खोलेगुपचुप मुस्कायेनयन बोले,बहुत बढ़िया हाइकु,बधाई स्वीकार करें  "

Rekha Joshi replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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"आपका बहुत बहुत आभार उमाशंकर जी "

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1054 Jul 9, 2012
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"धन्यवाद अरुण जी "

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1054 Jul 9, 2012
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"राकेशजी  तुझे कैसी शर्म और कैसी हया, लाज लिहाज तू करेगा क्या?तेरे नयनो का पानी मर जो…"

Rekha Joshi replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
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