For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Amit swapnil's Discussions (65)

Discussions Replied To (65) Replies Latest Activity

"आदरणीय मैंने "और" को 2 में लिया है 21 में नहीं, क्या ये गलत है?"

Amit swapnil replied May 28, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"आ. अमीर जी गजल तक आने व इस्लाह का शुक्रिया। मुहतरम, दूसरे शेर का उला बहर में किस वज…"

Amit swapnil replied May 28, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"आ. गणवीर जी बहुत शुक्रिया"

Amit swapnil replied May 28, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"आ. नाहक जी बहुत शुक्रिया आपका"

Amit swapnil replied May 28, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"रिचा जी शुक्रिया"

Amit swapnil replied May 28, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"आ. ऋचाजी बढ़िया गजल कही आपने, बधाई  स्वीकार करें।"

Amit swapnil replied May 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"आ. मेठानीजी बढ़िया गजल कही आपने, बधाई  स्वीकार करें।"

Amit swapnil replied May 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"आ. दंडपाणिजी बढ़िया गजल कही आपने, बधाई  स्वीकार करें।"

Amit swapnil replied May 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"आ. सुजानजी बढ़िया गजल कही आपने, बधाई  स्वीकार करें।"

Amit swapnil replied May 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"आ. गुरप्रीतजी बढ़िया गजल कही आपने, बधाई  स्वीकार करें।"

Amit swapnil replied May 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-143

235 May 28, 2022
Reply by Samar kabeer

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
55 minutes ago
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
1 hour ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं करवा चौथ का दृश्य सरकार करती  इस ग़ज़ल के लिए…"
1 hour ago
Ravi Shukla commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेंद्र जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं शेर दर शेर मुबारक बात कुबूल करें। सादर"
1 hour ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी गजल की प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई गजल के मकता के संबंध में एक जिज्ञासा…"
1 hour ago
Ravi Shukla commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय सौरभ जी अच्छी गजल आपने कही है इसके लिए बहुत-बहुत बधाई सेकंड लास्ट शेर के उला मिसरा की तकती…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर आपने सर्वोत्तम रचना लिख कर मेरी आकांक्षा…"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे... आँख मिचौली भवन भरे, पढ़ते   खाते    साथ । चुराते…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"माता - पिता की छाँव में चिन्ता से दूर थेशैतानियों को गाँव में हम ही तो शूर थे।।*लेकिन सजग थे पीर न…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे सखा, रह रह आए याद। करते थे सब काम हम, ओबीओ के बाद।। रे भैया ओबीओ के बाद। वो भी…"
23 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"स्वागतम"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

देवता चिल्लाने लगे हैं (कविता)

पहले देवता फुसफुसाते थेउनके अस्पष्ट स्वर कानों में नहीं, आत्मा में गूँजते थेवहाँ से रिसकर कभी…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service