For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लैपटाप बेटी के हाथों में देख माता -पिता प्रसन्न थे हो भी क्यों न आखिर चीफ़ मिनिस्टर साहब से जो मिला था | उनकी बेटी पुरे गाँव में अकेली प्रतिभाशाली छात्रों  में चुनी गयी थी |
पूरा कुनबा लैपटाप के डिब्बों में कैद तस्वीरें देखने बैठ गया |
"बिट्टी इ सब का हैं ? लाल-पीला |" माँ पहली बार रंगबिरंगे भोजन को देख पूछ बैठी |
"अम्मा, ये लजीज पकवान हैं | बड़े बड़े होटलों में ऐसे ही पकवान परोसे जाते हैं और घरो में भी ऐसे ही तरह तरह का भोजन करते हैं लोग |"
"और दाल रोटी ?"
"अम्मा, दाल रोटी तो बस हम गरीबों का भोजन हैं| अमीर तो शाही-पनीर , पनीर टिक्का , लच्छेदार पराठा आदि खाते हैं |
पीछे स्कूल जाने के लिय तैयार खड़ा जीतू तपाक से बोला - "दीदी , मुझे भी खाना हैं यह !!"
"जितुवा तू फिर चिपक गवा |" अम्मा गुस्सा होती हुई बोली
" अरे परवतिया के बाबू इसको सकूल छोड़ आओ , देर भई तो मास्टर भगा देंगा |"
जीतू रोते हुए बोला- "मुझे नहीं पढ़ना , दीदी के साथ लैपटाप पर पिक्चर देखना हैं |"
"अरे बाबू, पढ़ेगा नहीं तो मेरे जैसे ये लैपटाप कैसे पायेगा | तेजतर्रार छात्र को सरकार लैपटाप देती हैं कमजोर को थोड़े | और मुझे भी तो पढ़ना हैं न |"
जूते पहनाते हुय पार्वती बोली "और कल खाना हैं न रंगबिरंगा पकवान | आज ही बीबी जी कहीं थी, कल किटी हैं जल्दी आ जाना | किटी में खूब बचता हैं बढ़िया-बढ़िया पकवान | वो सब तेरे लिय लेती आऊँगी |" सुन के जीतू के साथ- साथ बाबा के मुहं में भी पानी आ गया | सामने आई नमक रोटी की थाली ठेल चल दिए | सविता मिश्रा
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 796

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 21, 2017 at 9:55pm

अच्छा प्रयास हुआ है आदरणीया सविता जी | हार्दिक बधाई |

Comment by savitamishra on July 17, 2015 at 8:42am

दिल से आभार आदरणीय आपका....सादर नमस्ते


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 16, 2015 at 11:23pm

एक यथोचित माहौल का निर्माण करती हुई यह लघुकथा अपने उद्येश्य में सफल है. वैसे शिल्पगत कसाव आवश्यक है.
इस सकारात्मक प्रयास केलिए हार्दिक बधाई आदरणीया सवितजी.

Comment by savitamishra on July 9, 2015 at 5:34pm

आदरणीया राजेश दी दिल से आभार आपका ...सादर नमस्ते

Comment by savitamishra on July 9, 2015 at 5:33pm

आदरणीया कांता दी आभार आपका सादर ..नमस्ते


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 9, 2015 at 10:08am

अच्छी लघु कथा हुई है सविता जी ,हार्दिक बधाई 

Comment by kanta roy on July 8, 2015 at 4:08pm
सुंदर और सार्थक लघुकथा बनी है आपकी आदरणीया सविता जी ..... बधाई स्वीकार करें ।
Comment by savitamishra on July 8, 2015 at 1:36pm

राहुल भाई दिल से आभार आपका |

Comment by savitamishra on July 8, 2015 at 1:36pm

ओमप्रकाश भैया दिली शुक्रिया आपका ..सादर नमस्ते ..आपने समय दिया कथा को इसके लिय आभारी हैं हम |

Comment by savitamishra on July 8, 2015 at 1:34pm

विनय भैया दिल से आभार ..नमस्ते

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से मश्कूर हूँ।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  दिनेश जी,  बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर बागपतवी जी,  उम्दा ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी,  बेहतरीन ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। मैं हूं बोतल…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। गुणिजनों की इस्लाह तो…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन प्रकाश  जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया रिचा जी,  अच्छी ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए।…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, बहुत शानदार ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service