For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेवफा तुमको कैसे कहें.

तेरे प्यार में दर्द लाखों सहें.
मगर बेवफा तुमको कैसें कहें.
जिन्हें प्यार से तुमने चुमा कभी.
उन्हीं आँखों से गम का दरिया बहे.
मगर बेवफा तुमको कैसे कहें.
अब भी हमें ऐसा लगता अक्सर.
तुम्हीं सामने से चले आ रहे.
मगर बेवफा तुमको कैसे कहें.
टूटे हुए दिल की है ये सदा.
जफा करने वाले सदा खुश रहें.
मगर बेवफा तुमको कैसे कहें.
मापतपुरी की यही एक ख्वाहिश.
किसी मोड़ पे वो ना फिर से मिलें.
मगर बेवफा तुमको कैसे कहें.
गीतकार- सतीश मापतपुरी
मोबाइल- 09334414611

Views: 426

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pallav Pancholi on June 24, 2010 at 1:25am
जफा करने वाले सदा खुश रहें.
मगर बेवफा तुमको कैसे कहें.
मापतपुरी की यही एक ख्वाहिश.
किसी मोड़ पे वो ना फिर से मिलें.
मगर बेवफा तुमको कैसे कहें.

bahut achhe sirrr........... maja aa gaya
Comment by Sanjay Kumar Singh on June 22, 2010 at 2:53pm
मापतपुरी की यही एक ख्वाहिश.
किसी मोड़ पे वो ना फिर से मिलें.
मगर बेवफा तुमको कैसे कहें.

Bahut badhiya satish jee, badhiya likhey hai,
Comment by Rash Bihari Ravi on June 21, 2010 at 6:45pm
जिन्हें प्यार से तुमने चुमा कभी.
उन्हीं आँखों से गम का दरिया बहे.

bah kya bat hain jai hooo

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 21, 2010 at 6:32pm
तेरे प्यार में दर्द लाखों सहें.
मगर बेवफा तुमको कैसें कहें.
जिन्हें प्यार से तुमने चुमा कभी.
उन्हीं आँखों से गम का दरिया बहे.
मगर बेवफा तुमको कैसे कहें.

waah waah satish bhai, jabardast, yahi to hai pyaar, yaar chahey laakh bura ho par uskey liyey duwaa hi nikalta hai, Dil taar taar kar gayey, par bewafa fir bhi na kahey, bahut badhiya, achhi rachna hai, dhanyavad,
Comment by baban pandey on June 21, 2010 at 6:24pm
WAAH.. bhai lakh sitam kar lo ...magar bewafa tumko kaise kahe.....this is your attitude about your healthy mental feeling...thanks a lot.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बहुत सुंदर अभिव्यक्ति हुई है आ. मिथिलेश भाई जी कल्पनाओं की तसल्लियों को नकारते हुए यथार्थ को…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Jun 3
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Jun 3

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Jun 3
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service