For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पानी बहाने के फायदे बनाम मेरा वाटर बैंक

होली के रंग उतारने में बड़ी मशक्‍कत करनी पड़ी। अब रंग तो उतर गया लेकिन चेहरे पर हल्‍की जलन व खिंचाव अभी भी है। नाते रिश्‍तेदारों को दोष न दूंगी, मैं इतनी सभ्‍य नहीं कि होली पर तिलक लगाकर फोटो खिंचवाऊं और खुद को जागरुक नागरिक घोषित करूं। क्‍योंकि असभ्‍य नागरिक होने का खामियाजा तो चेहरे का रंग उतारने पर भुगत ही रही हूं। सोचती हूं मैंने असभ्‍य होने के लिए कितना पानी बहाया होगा?

कोई तीस लीटर जितना। जो कि तीन व्‍यक्तियों के लिए तीस दिन की प्‍यास बुझाने के लिए  काफी हो। पृथ्‍वी पर उपलब्‍ध सम्‍पूर्ण जल का मात्र तीन प्रतिशत ही जल पीने योग्‍य है। शेष जल कठोर और लवणीय है।चलिए कोई बात नहीं 'सार सार को गही रहे थोथा देय उड़ाए'
अब बात क्‍या है बताती हूं। भई हम महिलाओं को सोना (गोल्‍ड) क्‍यों पसन्‍द है? क्‍योंकि पृथ्‍वी पर उसकी मात्रा अन्‍य धातुओं से कम है। तभी तो इतनी बहुमूल्‍य हो जाने के बाद हमारे गले, हाथ, कान, नाक सभी को सुशोभित करता है। पुरुष हम महिलाओं को खुश करने के लिए हमने गाढ़े पसीने का पानी बहाकर ही सोने तक पहुंच पाते हैं। यहां तो पानी का उपयोग हो रहा है। मगर मैं सम्‍पूर्ण उपयोग की बात कर रही हूं। जब हम इस तीन प्रतिशत पानी को व्‍यर्थ बहाएंगे तो उसकी उपलब्‍धता भी कम हो जाएगी, ऐसे में मैंने तो कई कल्‍पनाएं कर ली हैं, जिसका लोहा पुरुष तो क्‍या महिलाएं भी मानेंगी।


इस तरह पानी व्‍यर्थ बहाने के बाद आज से ठीक पांच साल बाद पानी को लेकर क्‍या घटनाएं होंगी। 

1 - स्विस बैंक और अन्‍य टैक्‍स हैवन्‍स में गहनों और पैसों के साथ काला पानी भी जमा होगा।

2 - सामान्‍य लोगों के लिए वाटर बैंक ऑफ इंडिया या वाटर नेशनल बैंक खुली होंगी। जहां आपका बचत किया हुआ पानी जमा होगा। उसका एक एटीएम आपके हाथ में रहेगा।

3 - आपके जमा पानी के खातों के आधार पर ही आपकी गर्लफ्रेंड या पत्‍नी का निर्धारण होगा।

4 - युवा अपनी गर्लफ्रेंड को महंगे गिफ्ट देने के लिए गुलाब के बजाय एक लीटर पानी की बोतल का सरप्राइज देना पसन्‍द करेंगे और वाटर रेस्‍टोरेंट लेकर जाएंगे।

5 - हम पत्नियां जन्‍मदिन, करवाचौथ आदि त्‍योंहारों पर पानी की पंद्रह लीटर की बाल्‍टी के बिना खुश न होंगी, और मिलने पर इतरा कर फिर से व्‍यर्थ बहा सकेंगी।

6 - पुरुष किसी भी सूरत में पानी को छूने की भी कल्‍पना ना करें। उन्‍हें महीने में एक बार दाढ़ी बनाने के लिए व्‍यर्थ बहाए गए पानी को लेकर ताने सुनने पड़ सकते हैं।

7 - पुत्र या पुत्री के जन्‍मदिन पर वाटर पार्टी का आयोजन किया जाएगा। ऑफिसर ग्रेड के लोग तो शैम्‍पेन की बोतल की जगह सबके सामने पानी की बोतल खोलेंगे, और रिटर्न गिफ्ट में सभी को एक-एक बोतल पानी भी देंगे।

8 - इसमें कोई संशय नहीं कि अन्‍य घोटालों के उजागर होने की तर्ज पर पानी का घोटाला भी सामने आए। और पता चले कि आम जनता के अथक प्रयासों से बचाए-कमाए पानी से नेता रोज नहाते रहे हैं।

इतने फायदे पानी को व्‍यर्थ बहाने के हैं तो क्‍यों घाटा खाऊं ?
सोचती हूं कि खूब पानी बहाऊं और एक पानी का बैंक अभी से बनाऊं, क्‍या आप मेरी बैंक में अपना पानी बचत खाता खोलना चाहेंगे, या अपने घर पर ही इसे आजमाएंगे।

सोचकर जवाब दीजिएगा...

Views: 582

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hilal Badayuni on June 6, 2011 at 10:17pm
bahut khoob praveena ji
aapne lekh is tarah se pesh kiya hai ki intresting bhi hai aur naseehat bhi
mubarak ho
Comment by arvind pathak on April 21, 2011 at 10:49pm
बहुत खूब...
Comment by Anita Maurya on April 21, 2011 at 5:32pm
क्या बात है प्रवीना जी...

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 4, 2011 at 9:20pm

प्रवीना बहन बहुत ही अच्छी बात आप कही है , शैली व्यंगात्मक है पर बात तो बिलकुल सही है , हम सब को व्यर्थ पानी बहाने से बचना होगा , वैसे भविष्य को तो छोडिये अभी ही १.५ लीटर पानी के मूल्य में १ लीटर दूध उपलब्ध है, पानी से सस्ता नमक, आलू , प्याज और गेहू तक मिल रहा है |

एक और बात पीने योग्य जल कुल उपलब्ध जल के १% से भी कम है | है न चिंतनीय बात ?

Comment by Abhinav Arun on March 25, 2011 at 3:39pm
अच्छा लेख ... ... विचारणीय भी | बधाई और शुभकामनाएं |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
21 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service