For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सौंदर्य प्रतिभा ज्ञान---डॉo विजय शंकर

सौंदर्य को सजावट ,
आभूषण ,शृंगार चाहिए ,
सादगी को…...क्या चाहिए ,
सादगी,.. वो तो, सबको चाहिए।
वो रोज सज के निकलती
लोग परेशान हो जाते थे ,
इक बार सादगी से निकली
कितने लोग बेहोश हो गए।

पहुँच से पहचान है ,
जिसकी पहचान है
वही प्रतिभावान है , अन्यथा
प्रतिभा को पहचान चाहिए ,
पहचान का एहसान चाहिए ।

ज्ञान को सम्मान चाहिए ,
जहां सब ज्ञानी हो ……… ,
जाने दीजिये, ज्ञान तो स्वयं दाता है |
तो इतना सज संवर के क्यों आता है ,
सादगी का मतलब, उसे नहीं आता है ,
फूल गुलदस्ते माला फोटो चरण वन्दना ,
दमक चमक ओज , जय जय जयकार ,
बोलता ऐसे है जैसे शहद बाँटता है ,
क्या अर्थ है , वो स्वयं नहीं जानता है ,
हाव्-भाव शृंगार से खुद को जमाता है ,
पर स्वयं पर विश्वास नहीं कर पाता है ,
किसी का विश्वास जीत नहीं पाता है ,
फिर भी अपनी सफलता के गीत गाता है ,
इतना ज्ञान चमक-दमक रहा है , फिर भी ,
किसी समस्या का हल मिल नहीं रहा है ,
ज्ञान शृङ्गार , गीत,
संगीत बन के सीमित हो रहा है ,
जानकारी बन के रह गया ,
नारे बन कर बँट रहा है ,
जब तक मंजीरे बजाने वाले रहते हैं ,
अपने को खूब जमा ले जाता है ,
फिर समय में विलीन हो जाता है।
न समस्या को समझ पाता है ,
न समाधान बन पाता है।

मौलिक एवं अप्रकाशित
डॉo विजय शंकर

Views: 651

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 5, 2015 at 11:21pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, रचना पर आपकी प्रतिक्रिया एवं प्रशस्ति सराहनीय है, आपका आभार, बधाई के लिए धन्यवाद, सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 5, 2015 at 4:48pm

आदरणीय विजय भाई , किस क्षेत्र की बात करें , हर क्षेत्र मे तो यही बनावटीपन ही है , क्या राजनीति , क्या शिक्षा ,क्या साहित्य ! बहुत अच्छी और सटीक बात उठाई है आपने । दिली बधाइयाँ आपको रचना के लिये ।

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 5, 2015 at 12:20pm
प्रिय जीतेन्द्र जी , रचना आपको पसंद आई, अच्छा लगा , आपका आभार, बधाई के लिए धन्यवाद , सादर।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 5, 2015 at 9:18am

बहुत सुंदर ,सटीक प्रस्तुति, आदरणीय डा.विजय जी. आपके गहरे अनुभवी दृष्टिकोण से यह कविता बहुत अच्छी लगी. हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 5, 2015 at 5:12am
आदरणीय श्री सुनील जी , आपकी प्रशस्ति यव सकारात्मक प्रतिक्रिया हेतु आभार एवं बधाई हेतु ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 5, 2015 at 5:10am
आदरणीय नीरज कुमार जी , आपकी प्रशस्ति हेतु आभार एवं बधाई हेतु ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद सादर।
Comment by shree suneel on May 5, 2015 at 1:55am
आदरणीय डा0 विजय शंकर सर, सौंदर्य, सादगी, और ज्ञान पर बिंदुवार सार्थक प्रस्तुति हेतु बधाई.
Comment by Neeraj Neer on May 4, 2015 at 10:43pm

वाह बहुत सुंदर ...... आज के हिन्दी साहित्य जगत में हो रही घटनाओं को सुंदरता से शब्दों में ढाला है आपने.... हार्दिक बधाई ॥ 

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 4, 2015 at 7:28pm
आदरणीय समर कबीर साहब , आपकी प्रतिक्रिया स्वयं में सटीक और लाजवाब होती है, सुन्दर , बहुत बहुत आभार आपका , धन्यवाद, सादर
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 4, 2015 at 7:25pm
आदरणीय श्याम नारायण जी , आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद, सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । बहुत बहुत बधाई आपको अच्छी ग़ज़ल हेतु । कृपया मक्ते में बह्र रदीफ़ की…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service