For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तिल से ही तेल निकालना (हास्य रचना)

 बहुत साल पहले 2006 में पंकज जी लखनऊ आशियाना में एक डिपार्टमेंट स्टोर पर अपने सेल्समेन और डिस्ट्रीब्यूटर के साथ call कर रहे थे। उसकी मालिक एक आंटी जी थी। उनके पति बैंक मैनेजर थे । पंकज जी उनसे काफी देर बातचीत की और जब चलने को हुये तो सेल्समेन को और डिस्ट्रीब्यूटर को इशारा कर दिया कि -- "जाओ आधी जंग लड़ ली है आधी तुम लोग लड़ो । "

उठते समय पंकज जी से एक गलती हो गई। पंकज जी ने उनसे चलते वक़्त ""थैंक यू आँटी जी" कह दिया । और अपनी गाडी पर आकर बैठ गये । थोड़ी देर बाद पंकज जी ने देखा कि उनके दोनों सिपाही मरा सा मुहँ लेकर आ रहे है।

पंकज जी ने पुछा - " क्या हुआ !" वो कहने लगे - "आपकी आंटी जी ने सारा माल वापस कर दिया । "

खैर पंकज जी दुबारा उनके पास गये ।

"क्या स्कीम नहीं दी या CD नहीं काटी ?  कॅश डिस्काउंट ! "

तो वो बोली - "आप को मैं आंटी लगती हूँ ? "

" अब बताइये 60 साल की महिला को क्या कहेंगे ? "

पंकज जी को तो हंसी छूठ रही थी अंदर ही अंदर ।

उन्होंने कहा - " आप बताइये दीदी जी कहूँ ! "

तो बोली -- "मैं आपको बुढ़िया लगती हूँ। "

पंकज जी ने कहा -- " किसने कहा इन दो बेवकूफों ने ? "

"नहीं , आप मुझे आंटी जी क्यों बोलते है ? भाभी जी बोलिये । "

पंकज जी ने कहा-" ठीक है , आज से आप भाभी जी और हम आपके देवर । अभी क्या करना है ? ....माल सारा गोदाम में रखवा दूँ भाभी ! "

" अरे ! बिल्कुल रखवा दीजिये और अपना डिस्ट्रीब्यूटर बदल दीजिये। हर समय पैसे माँगा करता है । "

तो पंकज जी ने कहा-- "भाभी , तिल से ही तो तेल निकलेगा । "

हाथ झाड़ते हुए चले आये पंकज जी और डिस्ट्रीब्यूटर को आँख मार दी-- " बेटे तेरा काम कर दिया । "

.

"मौलिक  व अप्रकाशित  "

Views: 435

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Joshi on April 19, 2015 at 10:33am

धन्यवाद आ. कांता जी

Comment by kanta roy on April 18, 2015 at 5:15pm
वाह !!! क्या तिल से तेल निकाला है आपने आदरणीय पंकज जोशी जी । मार्केटिंग की नौकरी में विभिन्न लोगों से वास्ता पडता ही है लेकिन यह वाक्या भी कम मजेदार नहीं है । एक सम्बोधन बनता हुआ काम कैसे बिगाड़ देता है और पात्र का तिल से तेल निकालना तो गजब ही है । बधाई आपको इस रचना के लिए ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, दीपपर्व की शुभकामनाएँ।  छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। इंगित…"
26 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
36 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अशोक  भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका।  लगता है गेयता की समस्या  मेरी…"
54 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"धन्यवाद  भाव स्पष्ट करने  के लिए |"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"लड़ियाँ  झूमें  ओने-कोने,  फूले-फले  त्योहार।...उत्तम कामना है आपकी किन्तु…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" दूर दूर रहना मजबूरी, बिखर गया परिवार।               …"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ग्राहक सोचे क्या-क्या ले लूँ , और किसे दूँ छोड़.... सच यही स्थिति होती है सजा हुआ बाज़ार देखकर.…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंद गीत पर आपकी सराहना ने सृजन को सार्थकता प्रदान की है.…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, आपको भी दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. प्रस्तुत…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हृदय से आभार. सादर "
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service