फूलों ने जब खिलना है तशीर मुताबिक
फेलेगी खुशबु भी तब समीर मुताबिक
कर ले, कह ले, कुछ भी ये हक है तेरा
कलम लिखेगी जब,अपनी जमीर मुताबिक
यूँ तो सपने हजारों तेरे मन में हें,
याद करेंगे लोग पर तदबीर मुताबिक
साथ निभाएँगे कब तक पंख जो मंगवें,
तुम कब उड़ोगे न खुद की जमीर मुताबिक
शख्स जिसका उम्र भर घर ना हुआ था अपना
ऐसा मिलेगा जब भी तो फकीर मुताबिक
चाल ढाल मेरी भी मुझ को समझ ना आई
चलता रहाँ हूँ मैं भी राहगीर मुताबिक
यूँ ही भाग भाग में उसकी तरफ था आया
प्यास न जब थी मेरी उस के नीर मुताबिक
Comment
आदरणीय मोहन जी, जहां तक मुझे लगता है मात्रा गणना कुछ इस प्रकार होगी।
फू(2)लों(2) ने(2) जब(2) खिल(2)ना(2) है(2) त(1)शी(2)र(1) मु(1)ता(2)बिक(2)
आगे आपको गुरूजन मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। मैं भी अभी सीख ही रहा हूं।
सादर!
गुरुजनों और दोस्तों की तरफ से मेरे प्रति स्नेह दिखाने के लिए धन्यवाद में इस रचना को फेलुन बहर में कहने की कोशिश की है, क्या सफल हो पाया हूँ ?
२ २ २ २ २ २ २ २ २ २ २
फूलों ने जब खिलना है तशीर मुताबिक
फेले गी खुश बू भी तो समीर मुताबिक
कर ले कह ले कुछ भी ये हक है तेरा
कलम लिखेगी जब,अपनी जमीर मुताबिक
यूँ तो लाखों सपने पाले होंगे ,पर
याद रखेगी दुनिया तदबीर मुताबिक
साथ निभाएंगे कब तक मंगवे पंख तेरे
कब उड़ना है मन के पंछी जमीर मुताबिक
सख्स वे जिस का घर ना था कोई अपना
ऐसा सख्स जब मिले तो फकीर मुताबिक
चाल ढाल जब मेरी मुझ को समझ न आई
चलता मैं भी रहा था राहगीर मुताबिक
यूँ ही भाग भाग हम ढूंड रहे थे उसको
वो भी, ना हम भी रहे उस पीर मुताबिक
आदरणीय मोहन जी, जैसा कि गुरूजनों ने कहा आप उसका अनुपालन करें। सुधार स्वयं आने लगेगा। आपने जो गज़ल पोस्ट की है उसका वज़्न बताएं। इससे आपको भी अपनी गलती का एहसास होगा तथा औरों को भी आकलन में सुविधा होगी। यह एक प्रक्रिया है अपनी रचना को तौलने की।
सादर!
प्रस्तुत प्रविष्टि पर अपनी पहली ही टिप्पणी में हमने आपसे बोल्ड फ़ौण्ट मे निवेदन किया है. आप उसका उत्तर देंगे तो स्वयं आपको अपना उत्तर मिलने लगेगा, आदरणीय.
दूसरे, इसी पेज पर सबसे नीचे ग़ज़लों से संबन्धित कुछ लिंक दिये गये हैं. आप उन पोस्ट को देखें. ग़ज़लों पर आधारभूत जानकारियाँ अवश्य प्राप्त होंगीं. श्रीमान, ऐसे क्या साझा किया जाय ?
सादर
आप की कही बातों पे अपनी तथा शकित के साथ अम्ल करने की कोश्शि करुगां
कृपा इस रचना में गलतियों की निशानदेही के दीजिए , धन्यवाद होगा
फूलों ने जब खिलना है तशीर मुताबिक
फेलेगी खुशबु भी तब समीर मुताबिक
कर ले, कह ले, कुछ भी ये हक है तेरा
कलम लिखेगी जब,अपनी जमीर मुताबिक
यूँ तो सपने हजारों तेरे मन में हें,
याद करेंगे लोग पर तदबीर मुताबिक
साथ निभाएँगे कब तक पंख जो मंगवें,
तुम कब उड़ोगे न खुद की जमीर मुताबिक
शख्स जिसका उम्र भर घर ना हुआ था अपना
ऐसा मिलेगा जब भी तो फकीर मुताबिक
चाल ढाल मेरी भी मुझ को समझ ना आई
चलता रहाँ हूँ मैं भी राहगीर मुताबिक
यूँ ही भाग भाग में उसकी तरफ था आया
प्यास न जब थी मेरी उस के नीर मुताबिक
//पर यहाँ तो विधार्थी हूँ ,जो सीखना है गुरु जनों से //
बिना तैयारी के आये किसी विद्यार्थी को आप भी एक गुरुजी के तौर पर ’पहले पढ़ के आओ..’ ही कहते होंगे, आदरणीय. ताकि विषय की आधारभूत जानकारियों से वह वाकिफ़ हो जाय.
आपको इस मंच पर धैर्य से सुना गया और आपकी पोस्ट को एप्रुवल भी मिला है. इतने से समझिये कि आपके रचनाकर्म का भरपूर सम्मान हुआ है. अब अपेक्षा है कि आप स्वयं अपनी रचनाओं का सम्मान करें. उन्हें उचित समय, शिल्प, तथ्य तथा अध्ययन दें.
सादर
दोस्तों बहुत धन्यवाद,
प्राधापक हूँ, मालूम है केसे सिखाना होता है,पर यहाँ तो विधार्थी हूँ ,जो सीखना है गुरु जनों से
मोहन जी आपका कहन बहुत अच्छा है। गुरूजनों के मार्गदर्शन अनुसार कार्य करें। आप स्वयं परिवर्तन महसूस करेंगे। मैं स्वयं यहां विद्यार्थी हूं और यहां आने के बाद से अपने में काफी सुधार महसूस कर रहा हूं। अभी प्रयासरत ही हूं। आइए मैं और आप दोनों साथ साथ सीखते हैं।
आदरणीय मोहन जी आपका प्रयास सराहनीय है किन्तु अगर ग़ज़ल के लिहाज़ से आपकी ग़ज़ल को जांचा जाए तो आपकी ग़ज़ल ख़ारिज मानी जायेगी, अन्य आदरणीय गुरुदेव श्री ने कह ही दिया है उनकी बातों पर अमल करें. मेरी बातों को अन्यथा न लें यहाँ सीखना और सिखाना यूँ ही परस्पर एक दुसरे के सहयोग से चलता रहता है. आप इस मंच पर आयें हैं तो यह सुधार भी हो जायेगा. सादर
आदरणीय मोहन जी, आपसे सादर अपेक्षा है कि अपनी ग़ज़लों के मिसरों का वज़्न अवश्य साझा करें जैसा कि इस मंच पर अक्सर अन्य प्रबुद्ध ग़ज़लकार करते हैं.
दूसरे, आपके मतले के अनुसार आपकी इस ग़ज़ल का काफ़िया शीर तथा रदीफ़ मुताबिक तय हुआ है. इस लिहाज से ग़ज़ल के अश’आर के काफ़िये ग़लत हैं.
ग़ज़ल संबंधी कई पोस्ट इस मंच पर हैं. ग़ज़ल के व्याकरण की जानकारी के लिए एक विशेष समूह ही है. कृपया आधारभूत जानकारियों के लिए उनका पहले अध्ययन कर लें तभी आपका प्रयास सार्थक तथा समुचित होगा.
शुभेच्छाएँ.
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