For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पुनर्नवा ( लघुकथा)

“चलो भैया घर नहीं चलना है क्या?”
साथी के स्वर सुन,सोच में डूबा मदन, चौंक कर बोला, “हाँ हाँ चलो भाई निकलतें हैं”
सब अपनी-अपनी साईकिल लेकर बढ़ चले, तो साथ ही काम करने वाला राघव, अपनी साईकिल मदन के आगे लगाकर बोला,
“चलिए दद्दा हम भी चलते हैं”
“जिनसे नाता था वो तो कब का छोड़ गए... तू कौन से जन्म रिश्ता निभा रहा है, रे?” साईकिल पर बैठते हुए उसने कहा.
साईकिल बढ़ाते हुए राघव बोला, “दद्दा, उम्र में छोटा हूँ, आपसे कहने का हक तो नहीं है. मगर...”
“पता है तू क्या कहेगा... मगर मैं रातों को जागता रहता हूँ. दो घूंट गले के नीचे उतार कर ही अपना दर्द भूल पाता हूँ.”
“जानता हूँ आपके साथ बहुत बुरा हुआ, वो मनहूस दिन भूलता ही नहीं है... तेज रफ्तार गाड़ी आई और आपकी दुनिया उजाड़ गई. ना जाने किस घड़ी में भौजी बच्चों को लेकर निकली थी घर से.”
“तू नहीं जानता... घर जाता हूँ तो अब भी उन तीनों की लाशें दिखाई देती हैं मुझे.”
“लेकिन दद्दा मैं...” राघव ने कहना चाहा, पर उसकी बात बीच ने ही काट मदन बोला,
“अब तू निकल! बहुरिया राह देखती होगी, यहाँ से तो मैं पैदल चला जाऊंगा.”
“नहीं, दद्दा मैं आपका सामान दिला कर, आपको घर पहुँचा कर ही जाऊँगा. बस आपका खाना बंधवा लेता हूँ.” ढाबा देख राघव ने कहा.
खाना ले भी ना पाया, तब तक मदन अपने लिए बोतल ले आया.
“सुनो दद्दा, तुमको हमारी कसम है खाना खा ज़रूर लेना.”
उसने भी सिर हिला कर हामी भरी.
घर के करीब पहुँचे ही थे, कि साईकिल डगमगा के रुक गई. एक रोता हुआ, बदहवास बच्चा साईकिल से टकरा कर गिर पड़ा था.
“अरे! ये बच्चा यहाँ इस सुनसान सड़क पर कहाँ से आ गया?”
“पता नहीं, जाने किसका बच्चा है, कैसे भटक कर यहाँ आ गया.” बच्चे के हाथ पाँव सहलाते हुए मदन ने कहा. “अरे इसको मैं देखता हूँ, तुमको बहुत देर हो गई है, तुम अब जाओ."
पर अगले ही पल जैसे याद आया, तो बच्चे के सर पर स्नेह से हाथ फिराते हुए बोला:

“हाँ ज़रा खाना पकड़ाते जाना."
राघव अपने घर की ओर बढ़ा ही था, कि साईकिल पर टंगे थैले के टकराने से ‘टन’ की आवाज़ हुई. आज पहली बार बोतल साईकिल पर ही टंगी छूट गई थी.

.
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 1185

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Seema Singh on September 13, 2016 at 3:38pm
बहुत बहुत शुक्रिया आ० बृजेश जी। बहुत बहुत धन्यवादआ०,मीना दीदी।
Comment by Meena Pathak on September 13, 2016 at 3:32pm

बहुत सुन्दर लघुकथा प्रिय सीमा जी ..बधाई 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 10, 2016 at 5:50pm

बेहतरीन कथानक

Comment by Seema Singh on September 10, 2016 at 8:04am
बहुत बहुत धन्यवाद अर्चना दीदी।
Comment by Seema Singh on September 10, 2016 at 8:03am
आभार आ०Alka Changa जी ।
Comment by Archana Tripathi on September 7, 2016 at 1:36am
अत्यंत मार्मिक एवं उम्दा कथा
Comment by अलका 'कृष्णांशी' on September 3, 2016 at 4:25pm

बहुत मार्मिक  रचना । बधाई ।सादर

Comment by Seema Singh on September 3, 2016 at 10:09am
बहुत बहुत शुक्रिया आ० कल्पना जी। ह्रदय से आभार चंद्रेश भाई।
Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on September 2, 2016 at 11:26pm

बहुत बढ़िया रचना कही है, बहुत मार्मिक, सादर बधाई सीमा सिंह जी इस सृजन हेतु|

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 2, 2016 at 3:50pm
वाह आदरणीया शानदार कथा हुई है । बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
11 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
15 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service