For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल 
गा गा लगा लगा/ लल/ गा गा लगा लगा
.

झीलों में ऐसे..... चाँद डिबोता हूँ आज भी,
आँखों में रख के आप को रोता हूँ आज भी.  
.
अब तक दरख्त जितने उगाए, बबूल हैं,
दिल में मगर मैं यादों को बोता हूँ आज भी.
.
आदत में था शुमार तेरे साथ जागना,
तेरे बगैर देर से सोता हूँ आज भी.
.
नमकीन पानियों से जो रंगत निखरती है,
रुख़सार आँसुओं से मैं धोता हूँ आज भी.
.
काँधे पे इक सलीब उठाए फिरा करूँ,
नाकामियों का बोझ मैं ढ़ोता हूँ आज भी.
.

उसका पता मुझे जो मिला वो ग़लत मिला,  
ख़ुद को तलाश-ए-यार में खोता हूँ आज भी.
.
जुगनू नहीं, चिराग़ नहीं शम्स भी नहीं,   
लेकिन तेरे ही “नूर” सा होता हूँ आज भी.   
.
निलेश "नूर"
मौलिक/ अप्रकाशित 

Views: 619

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on February 12, 2016 at 3:38pm

शुक्रिया आ. सौरभ सर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 11, 2016 at 11:41pm

इस बहुत ही अच्छी ग़ज़ल के लिए हृदयतल से दाद कह रहा हूँ, आदरणीय नीलेशजी. 

मिसरों का वज़न - २२१ २१२१ १२२१ २१२ या  गागालगा गालगाल लगागाल गालगा  की रह लिखें.  

शुभेच्छाएँ 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on February 11, 2016 at 6:16pm

शुक्रिया आ. रवि जी 

Comment by Ravi Shukla on February 11, 2016 at 3:36pm

आदरणीय निलेश जी बहुत अच्‍छी ग़ज़ल कही है आपने शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं .

Comment by Nilesh Shevgaonkar on February 10, 2016 at 9:01am

शुक्रिया आ. जयनीत भाई

Comment by जयनित कुमार मेहता on February 9, 2016 at 8:59pm
शानदार ग़ज़ल कही आपने,
आदरणीय निलेश जी।।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on February 9, 2016 at 8:45am

शुक्रिया आ. मिथिलेश जी ..

Comment by Nilesh Shevgaonkar on February 9, 2016 at 8:44am

शुक्रिया आ. शिज्जू भाई 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on February 9, 2016 at 8:44am

शुक्रिया आ. समर साहब 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on February 9, 2016 at 8:43am

शुक्रिया आ. सुशिल जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service