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नव वर्ष पर ...हों सृजन अब कुछ नये से..

नव वर्ष पर....

हों सृजन अब कुछ नये से.....
कुछ नई सी कल्पनाएं।
फिर नया यह वर्ष आओ
हम सभी मिलकर मनाएं।

छोड़ दें हम पंगु सब
परिपाटियों को।
दें नये स्वर से गुँजा
इन वादियों को।
जो सुखद सी सीख गत से
है मिली थाती हमें
साथ ले बढ़ते चले हम
तोड़ कर सब वर्जनाएं।

फिर नया यह वर्ष आओ
हम सभी मिलकर मनाएं।

मुफलिसी सीलन भरे
कोनों पसरती।
जिन्दगी भय लूट के
सायों सिसकती
घूप पर हक है सभी का
सब जियें निर्भय यहाँ
मानसों के द्वार खोलें
आ रही संभावनाएं।

फिर नया यह वर्ष आओ
हम सभी मिलकर मनाएं।
सीमा हरि शर्मा
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

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Comment by seemahari sharma on December 21, 2014 at 8:57am
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी बहुत बहुत धन्यवाद।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 21, 2014 at 12:21am

आदरणीया सीमाहरि जी बहुत सुन्दर रचना है बधाई ... इन पंक्तियों के लिए विशेष रूप से बधाईयाँ 

धूप पर हक है सभी का

सब जियें निर्भय यहाँ
मानसों के द्वार खोलें
आ रही संभावनाएं।

Comment by seemahari sharma on December 20, 2014 at 11:13pm
बहुत बहुत आभार आदरणीय अखिलेश कृष्ण जी उत्साहवर्धन करती आपकी प्रतिक्रिया का ह्रदय से स्वागत है
Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on December 20, 2014 at 11:01pm

आदरणीया सीमाहरिजी

बड़ी सुंदर बात कह दी, नव वर्ष के आगमन पर ।

लीजिए हार्दिक बधाई, गीत की हर पंक्तियों पर॥

Comment by seemahari sharma on December 20, 2014 at 10:46pm
आदरणीय rajesh kumari जी नूतन वर्ष की आपको भी अग्रिम वधाई एवं अशेष शुभ कामनाएं।आभार नवगीत पसंद करने के लिए
Comment by seemahari sharma on December 20, 2014 at 10:42pm
Somesh Kumar जी बहुत शुक्रिया आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया के लिए

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 20, 2014 at 9:22pm

बहुत सुन्दर प्रस्तुति सीमा जी आने वाले वर्ष की अग्रिम बधाई लीजिये इस रचना के साथ साथ 

Comment by somesh kumar on December 20, 2014 at 7:52pm

छोड़ दें हम पंगु सब
परिपाटियों को।
दें नये स्वर से गुँजा
इन वादियों को।
जो सुखद सी सीख गत से
है मिली थाती हमें
साथ ले बढ़ते चले हम
तोड़ कर सब वर्जनाएं।

सुंदर रचना के लिए बधाई 

Comment by seemahari sharma on December 20, 2014 at 6:49pm
बहुत बहुत धन्यवाद shyam Narain Verma जी प्रतिक्रिया देकर उत्साहवर्धन करने के लिये
Comment by seemahari sharma on December 20, 2014 at 6:46pm
आदरणीय Hari Prakash Dube जी बहुत बहुत धन्यवाद रचना पसंद कर प्रोत्साहित करने के लिए

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