For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मै अपनी तक़दीर पर कभी , रोया या नही रोया 

पर मेरे जज्बातों पर आसमा टूट के रोया |

मै क्या क्या बताऊ मे क्या क्या गिनाऊ ,

क्या नही पाया मैंने क्या नही खोया |

मेरी हर रात कटी है सो वीमारो के जैसे 

दर्द से जुदा होकर मै एक पल नही सोया |

मेरे जीने पे  जो जालिम , मातम मनाता रहा ,

मेरे मरने  पर वो जी भर के क्यों रोया |

मेरे दिल के जख्म फूलो से निखरते रहे   

मैंने कभी इनको मरहम से नही  धोया |

बडो की ये बड़ी बाते ,हमे देती रही है ये  नसीहत

अब काटो  बही जो  बीज वो तुमने था जो बोया |

 

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 723

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by aman kumar on August 12, 2013 at 10:29am

हेमंत जी , अन्नपूर्णा जी वसुंधरा जी भाई नीरज आप लोगो का समर्थन होसला बड़ा गया केतन जी का आदेश सर आँखों पर.........

सभी का आभार ! 

Comment by बृजेश नीरज on August 10, 2013 at 3:36pm

बहुत अच्छा प्रयास है आपका! आपको सादर बधाई!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 10, 2013 at 12:43pm
अच्छी कोशिश है , बधाई !!
Comment by Vasundhara pandey on August 9, 2013 at 4:23pm

वाह जी...बहुत सुन्दर ....

Comment by Ketan Parmar on August 9, 2013 at 3:30pm
koshish achi hai bhai lage rahiye. magar thoda padh lo ghazal ki kaksha me to behter hoga aur bhi jyaada. asha hai agli baar issase bhi jyaada khoobsurat rachna padh sakenge ham.
Comment by annapurna bajpai on August 8, 2013 at 11:39pm

adarniy bahut badhiya rachna hetu badhai swikaren .

Comment by hemant sharma on August 8, 2013 at 4:44pm

बहुत अच्छे ,,,,,,, वधाई...........

Comment by aman kumar on August 8, 2013 at 4:01pm

आपका मार्गदर्शन मिला , अच्छा लगा ...होसला अफजाई का सुक्रिया !अरुण  जी 

Comment by aman kumar on August 8, 2013 at 3:50pm

बसंत जी ,जितेन्द्र भाई और स्याम वर्मा जी का गर्दिक आभार\

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 8, 2013 at 3:49pm

अमन भाई जी प्रयास अच्छा हुआ इस हेतु बधाई स्वीकारें, यदि आप ग़ज़ल कहते तो हैं कृपया बहर जरुर लिखा करें ताकि टिपण्णी करना सहज हो सके, कंटक त्रुटियों पर ध्यान दें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
21 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service