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हल्की फुलकी ग़ज़ल पेश है दोस्तों

बर्फ दिल में जब जमी होती,
तभी आँखों में नमी होती।


धुँआ उठता जब आग जलती,
हवा चलती कब थमी होती।


फकत मिलते हाथ हाथों से,
दिलों में दूरी बनी होती।


हसीं मौसम देख मत इतरा,
ख़ुशी गम की भी सगी होती।


खता होती है हमारी भी,
सिर्फ उसकी कब कमी होती।"रैना"

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Comment by Dr. Swaran J. Omcawr on March 24, 2013 at 8:39am

बर्फ दिल में जब जमी होती,
तभी आँखों में नमी होती।

अच्छा शेयर है 

मेरे विचार से इस  के भावार्थ में कुछ गड़बड़ है 
दिल में बर्फ जमना एक  मुहावरा है जो भावना शुन्य  (emotionless ) व्यक्ति के लिए इस्तेमाल होता है। ऐसे व्यक्ति की आँखों में नमी होना अस्वाभाविक है। 
ऐसा भी कहा जा सकता है 

बर्फ दिल में जब जमी होती,
 आँखों में नमी की कमी होती।

कृपया अन्यथा न लें 
आप का आशय शायद कुछ और हो 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 23, 2013 at 3:28pm

फकत मिलते हाथ हाथों से,
दिलों में दूरी बनी होती। -    बहुत सुन्दर और यथार्थ | आजकल बड़े बड़े नेता भलेही भारत और पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष 

                                         मिले,हाथों में हाथ लिए २ मिनिट्स तक हाथ मिलाते ही कैमरे के आगे खड़े रहते समय 

                                         व्यतीत करते फोटों खिचवाते रहते है, और मन में एक दुसरे को कोसते रहते है | बधाई श्री राजेंद्र जी 

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