For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

महंगाई व प्रधानमंत्री के वायदे

प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने मार्च 2012 तक महंगाई दर में 6 प्रतिशत की कमी होने का एक बार फिर दावा किया है। दरअसल, प्रधानमंत्री जी प्रिंट मीडिया के कुछ प्रमुख संपादकों से बुधवार को मुखातिब हुए। यहां उन्होंने भ्रष्टाचार, लोकपाल बिल समेत अन्ना हजारे, बाबा रामदेव के आंदोलन के संबंध में अपनी बात रखी। साथ ही खुद को कमजोर प्रधानमंत्री कहे जाने को एक सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह विपक्ष का दुष्प्रचार है, जबकि वे हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि देश में कैसे विकास दर को बढ़ाया जाए और देश की प्रमुख समस्या भ्रष्टाचार तथा महंगाई से निपटा जाए।
संपादकों से हुई चर्चा में अन्य मुद्दों को फिलहाल छोडकऱ, महंगाई जैसी देश की गंभीर समस्या पर मंथन करना इसलिए भी जरूरी है कि प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, बार-बार वादे पर वादे करते जा रहे हैं और महंगाई दर कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। ऐसा कोई माह नहीं जाता, जब कोई आवश्यक वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी नहीं होती और उसके बाद प्रधानमंत्री यही कहते नजर आते हैं कि महंगाई पर कुछ ही महीनों में लगाम ली जाएगी या फिर महंगाई दर में कमी आ जाएगी। मगर अफसोस, सरकार महंगाई की दर घटाने में असफल रही है तथा उल्टे महंगाई दर हर बार बढ़ती जा रही है। अब अकेले पेट्रोल के ही दाम को ले लीजिए, बीते नौ माह में 9 बार जहां कीमत बढ़ाई जा चुकी हैं, वहीं यूपीए-2 के बीते दो बरस में 23 बार बेहिचक पेट्रोल की दर में इजाफा किया गया है।
अब बात करते हैं, प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के महंगाई कम करने संबंधी वायदों की। अभी साल भर में प्रधानमंत्री ने ऐसे पांच अवसरों पर महंगाई पर काबू पाने के दावे किए थे, जिसकी पोल उस मियाद के खत्म होते ही खुल जाती है। सबसे पहले 15 अगस्त 2010 को दिल्ली के लाल किला की प्राचीर से उन्होंने अपने भाषण में महंगाई कुछ ही महीनों में कम करने का हवाला दिया था, इस समय लोगों के मन में विश्वास जगा कि चलो अब तो महंगाई डायन के डंक से मुक्ति मिलेगी, किन्तु उन्हें कहां पता था कि वह दावे खोखले ही साबित होंगे और सरकार की महंगाई रोकने की चाल, महज ढाक के तीन पात रह जाएगी।
दूसरी बार प्रधानमंत्री डा. सिंह ने 24 मई 2010 को महंगाई दर को 5-6 प्रतिशत तक लाने की बात कहते हुए दिसंबर 2010 तक हर हाल में महंगाई पर काबू पाने का आश्वासन, देश की अवाम को दिया था, मगर यह आश्वासन भी सिफर ही रहा और मध्यमवर्गीय परिवारों को महंगाई से झटके पर झटके लगते रहे।
तीसरी बार उन्होंने 23 नवंबर 2010 को देश की जनता को भरोसा दिलाते हुए महंगाई से निपटने की मंशा जाहिर की, वह भी कुछ महीनों बाद धरी की धरी रह गई। प्रधानमंत्री का यह डेटलाइन भी अधूरी रही, क्योंकि महंगाई रोकने सरकार पूरी तरह अक्षम साबित हुई और महंगाई दर में कई गुना वृद्धि हो गई।
चौथी बार प्रधानमंत्री डा. सिंह ने 20 दिसंबर 2010 को एक नई डेटलाइन तय की और मार्च 2011 तक महंगाई दर को 5 प्रतिशत तक लाने की ऐसी मंशा जताई कि देश की जनता को लगने लगा, इस बार तो सरकार ने महंगाई से निपटने पूरी कमर कस ली है, लेकिन वही पुराने हालात रहे और अर्थशास्त्री माने जाने वाले प्रधानमंत्री, महंगाई रोकने लाचार नजर आए और सरकार की ओर से कहा गया, जो वे अब तक कहते आ रहे हैं कि महंगाई, केवल भारत की समस्या नहीं है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय समस्या है, मगर सवाल यह है कि जब सरकार ऐसी सोचती है तो देश की जनता को बरगलाने की कोशिश क्यों करती है ? क्यों, सरकार महंगाई रोकने बार-बार एक नई डेटलाइन तय करती है ? यह बातें सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। देश की सवा अरब जनता को सरकार की नीति के बारे में जानने का पूरा हक है।
अब पांचवीं बार प्रधानमंत्री जी ने पिं्रट मीडिया के संपादकों से चर्चा में उस बात को एक बार फिर दोहराई है, जिसे वे पिछले साल भर से कहते आ रहे हैं और महंगाई दर में कमी लाने एक नई डेटलाइन तैयार की है, वो है मार्च 2012। इस तरह महंगाई दर 6 प्रतिशत तक लाने की दुहाई दी गई है। यहां सवाल सरकार के समक्ष यही है कि आखिर महंगाई कैसे रूक पाएगी ? क्या इस बार प्रधानमंत्री अपने दावे पर खरे उतर पाएंगे ? क्या इस बार भी उनके दावे की हवा निकल जाएगी ? और कई बरसों से जारी महंगाई की समस्या जस की तस बनी रहेगी ? यह सब सवाल, देश की हर वो अवाम जानना चाह रही है, जो महंगाई की समस्या की मार से कराह रही है।
केन्द्र की यूपीए सरकार की इस दूसरी पारी में ही दर्जनों बार अलग-अलग वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी की गई है, जिससे आम लोग महंगाई की समस्या से दो-चार हो रहे हैं। सरकार द्वारा जिस तरह दावे पर दावे पर किए जा रहे हैं, वह दावे केवल कोरे ही साबित होते आ रहे हैं, इससे सरकार की आर्थिक नीति पर सवालिया निशान भी लग रहा है। प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने देश को महंगाई से निपटने पांचवीं बार भरोसा दिलाया है, अब इसमें उनकी नीति कितनी कारगर साबित होती है ? यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री के दावे खोखले साबित हुए तो देश की अवाम का भरोसा इस सरकार से उठ ही जाएगा ? क्योंकि आखिर कब तक देश, उस ख्याली पुलाव के सहारे जीती रहेगी, जो केवल आश्वासनों पर टिका हुआ है। कहीं देश की जनता को यह न लगे कि प्रधानमंत्री जी के वायदे, कोरे ही नहीं, बल्कि झूठे होते हैं।


राजकुमार साहू
लेखक छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार हैं। पिछले दस बरसों से पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तथा स्वतंत्र लेखक, व्यंग्यकार तथा ब्लॉगर हैं।

जांजगीर, छत्तीसगढ़
मोबा . - 098934-94714

Views: 228

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
4 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service