For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तपिश को कौन समझेगा
जलते शहर की
कुर्सी से जो मतलब ठहरा
विरोध प्रदर्शन धरने हडताल
दिहाडी को निगल गए
नहीं थमेंगे
गरीब को रोटी नहीं मिलेगी।
पहरेदार
सब कठपुतलियां हैं
सफेदपोशों की।
मजबूर
घोडे को लगाम जो लगी है
गरीब ने कहा
चलो गरीबों चलो कंगालो
मरने वालों को लाखों मिलते हैं
मरने चलें
दो-चार दिन का सूतक सही
दिहाडी-रोटी नहीं तो लाखों सही
पीछे वालों की जिंदगी
आराम से गुजरेगी।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 757

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:24am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:24am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:24am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:24am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:24am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:23am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:23am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:23am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:23am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on May 6, 2016 at 10:23am
श्रद्धेय मिथिलेश वामनकर जी रचना पर अपने कीमती विचार देने के लिए हार्दिक धन्यवाद कृपया मार्गदर्शन करते रहें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आइए…See More
57 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी आभार संज्ञान लेने के लिए आपका सादर"
58 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी आभार आपका सादर"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. अमित जी ग़जल पर आपके पुनरागमन एवम् पुनरावलोकन के लिए कोटिशः धन्यवाद ! सुझावानुसार, मक़ता पुनः…"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी, बहुत धन्यवाद। आप का सुझाव अच्छा है। "
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से मश्कूर हूँ।"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  दिनेश जी,  बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर बागपतवी जी,  उम्दा ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी,  बेहतरीन ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। मैं हूं बोतल…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। गुणिजनों की इस्लाह तो…"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service