For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

काला पानी (लघुकथा)

"अरे राधेलाल,फिर चाय का ठेला! तुम तो अपना धंधा समेटकर अपने बेटे और बहू के घर चले गए थे।"
"अरे सिन्हा साब!वो घर नही,काला पानी है काला पानी!सभी अपने ज़िन्दगी में इतने व्यस्त हैं कि न कोई मुझसे बात करता और न कोई मेरी बात सुनता।बस सारा दिन या तो टी वी देखो या फिर छत और दीवारों को ताको।भाग आया।यहाँ आपलोगों के साथ बतियाते और चाय पिलाते बड़ा अच्छा समय बीत जाता है।अरे,आप किस सोच में पड़ गए?"
"सोच रहा हूँ कि मै तो तुम्हारी तरह चाय का ठेला भी नही लगा सकता।बेटा बहुत बड़ा अफ़सर जो ठहरा।"फीकी हँसी के साथ चाय का प्याला होठों से लगा लिया।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 740

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mala Jha on May 30, 2015 at 3:13pm
आदरणीया रीता गुप्ता जी सप्रेम धन्यवाद।
Comment by Mala Jha on May 30, 2015 at 3:11pm
आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी साभार धन्यवाद।
Comment by Rita Gupta on May 29, 2015 at 11:54pm

आदरणीय माला जी सुंदर प्रस्तुति एक बेहद आम होती समस्या पर . मानों तो गंगा वरना बहता पानी वाला हाल है ,माँ बाप को भी बेटे के घर में बहुत कमियाँ नजर आती हैं .

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 28, 2015 at 4:54pm

आदरणीया माला जी ..यही हकीकत है हकीकत को बयान करती शानदार रचना हार्दिक बधाई के साथ 

Comment by Mala Jha on May 25, 2015 at 7:26am
आदरणीय शुभ्रांशु पाण्डेय जी आपने सही कहा कि व्यस्तताओं ने समय के साथ साथ संबंधों को भी कम कर दिया है।आपने समय निकालकर मेरी रचना पढ़ी और अपनी टिप्पणी दी इसके लिए तहे दिल से शुक्रिया।
Comment by Shubhranshu Pandey on May 19, 2015 at 6:52pm

आदरणीया माला जी, 

व्यस्तताओं ने समय के साथ साथ सम्बन्धों को भी कम कर दिया है.

सादर.

Comment by Mala Jha on May 13, 2015 at 2:05pm
आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी साभार धन्यवाद।
Comment by Mala Jha on May 13, 2015 at 2:00pm
आदरणीय अमन कुमार जी धन्यवाद।
Comment by Mala Jha on May 13, 2015 at 1:59pm
आदरणीय डॉ गोपाल नारायण जी साभार धन्यवाद।भविष्य में आपके सुझाव का ध्यान रखूंगी।
Comment by Mala Jha on May 13, 2015 at 1:56pm
आदरणीय डॉ विजय शंकर जी बहुत बहुत धन्यवाद।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।... मतले पर…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ, कुछ सुझाव पेश…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service