For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल - "एक तरफा प्यार की ये बेबसी मत पूछिये"

2122 2122 2122 212

एक तरफा प्यार की ये बेबसी मत पूछिये ।
रात दिन रहती है कैसी बेखुदी मत पूछिये ।

अब खुशी का साथ छूटे एक अरसा हो गया ,
किस कदर गम से हुयी है दोस्ती मत पूछिये ।

बोलती आँखेँ हैँ मेरी और लब खामोश हैँ ,
किस तरह आवाज दिल की है दबी मत पूछिये ।

लाख रोयेँ लाख तडपेँ पर भला किस से कहेँ ,
वो दिखायेँ हमको कैसी बेरुखी मत पूछिये ।

वाह वाही कीजिये गर दिल छुये मेरी गज़ल ,
कैसे हम करने लगे हैँ शायरी मत पूछिये ।

मौलिक व अप्रकाशित
नीरज मिश्रा

Views: 1780

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Nishchal on November 29, 2014 at 11:35am
केतन भाई बहुत बहुत आभार ।
Comment by Neeraj Nishchal on November 29, 2014 at 11:34am
आदरणीय हरिवल्लभ जी बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by Ketan Kamaal on November 29, 2014 at 10:49am

waaaaah

Comment by harivallabh sharma on November 28, 2014 at 11:52pm

बहुत सुन्दर ग़ज़ल हुई है आदरणीय Neeraj Mishra "प्रेम" जी...सभी अशआर सुन्दर..बधाई.

Comment by Neeraj Nishchal on November 28, 2014 at 8:35pm
बहुत बहुत शुक्रिया सोमेश जी आपका अंदाज अच्छा लगा
Comment by Neeraj Nishchal on November 28, 2014 at 3:19pm
आदरणीया राजेशकुमारी जी आप का आर्शीवाद पाकर कृतार्थ हुआ बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by Neeraj Nishchal on November 28, 2014 at 2:59pm
आदरणीय बागी जी बहुत आह्लाद से भर गया आपका मेरी पोस्ट पर आना निश्चय ही आपको पूरा श्रेय जाता है कि आपने जो ये मंच निर्मित किया और हमारे जैसे अपनी जिद मेँ डूबे रचनाकार भी यहाँ आकर अपने आपको सवाँरने व निखारने की कोशिश करते हैँ और इतने सारे रचनाकारोँ के बीच अपनी रचनाओँ को मुकम्मल होते देखना वाकइ मेँ एक सुखद एहसास है इसके लिये मै आपका रोज रोज शुक्रिया करूँ तो भी शायद कम ही रहेगा । अपनी रचना पर आपकी अभिव्यक्ति पाकर बहुत अच्छा लगा बहुत बहुत आभार प्रकट करता हूँ ।
Comment by Neeraj Nishchal on November 28, 2014 at 2:22pm
आदरणीय प्रकाश दूबे जी बहुत बहुत आभार प्रकट करता हूँ आपका ।
Comment by Neeraj Nishchal on November 28, 2014 at 2:21pm
आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी बहुत बहुत शुक्रिया अदा करता हूँ आपका ।
Comment by somesh kumar on November 28, 2014 at 9:51am

वाह!

चलो अब कुछ नहीं पूछूँगा /बस दुआ है तुम्हारी कलम से ऐसे ही सुंदर कलाम लिखे जाते रहें |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service