For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"थोड़ी अपनी ही ज़वानी कहो"

बच्चे सोयें वो कहानी कहो।
थोड़ी अपनी ही जवानी कहो।।

बुढ़ापे का ज़ख्म अब रफ़ू करो।
आँसुओं को फिर से पानी कहो।।

ये शहर रौशन नहीं वर्षों से।
इक शाम ही सही सुहानी कहो।।

मोहब्बत का महकता ख़त रहा।
कभी बातें वही पुरानी कहो।।

बहुत ख़त लिखे बहुत ख़त पढ़े।
अब दिल की बातें जबानी कहो।।
**********************
राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक। अप्रकाशित

Views: 609

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on November 13, 2014 at 2:45pm

बहुत  बहुत आभार आदरणीय विजय निकोर जी///सादर  

Comment by ram shiromani pathak on November 13, 2014 at 2:44pm

बहुत  बहुत आभार आदरणीय आलोक मित्तल जी///सादर  

Comment by vijay nikore on November 10, 2014 at 4:56pm

इस अच्छी गज़ल के लिए बधाई, आ० राम जी।

Comment by Alok Mittal on November 10, 2014 at 12:56pm

शानदार ..बहुत उम्दा .....

ये शहर रौशन नहीं वर्षों से।
इक शाम ही सही सुहानी कहो...वाह्ह

बहुत बधाई आपको

Comment by ram shiromani pathak on November 9, 2014 at 1:27pm

अमूल्य सुझाव हेतु बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय गणेश जी /// सादर 

Comment by ram shiromani pathak on November 9, 2014 at 1:26pm

आदरणीय जीतेन्द्र भाई  बहुत बहुत आभार आपका /// सादर 

Comment by ram shiromani pathak on November 9, 2014 at 1:25pm

आदरणीय गोपाल जी बहुत बहुत आभार आपका /// सादर 

Comment by ram shiromani pathak on November 9, 2014 at 1:25pm

आदरणीय गिरिराज  जी बहुत बहुत आभार आपका /// सादर 

Comment by ram shiromani pathak on November 9, 2014 at 1:25pm
आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत बहुत आभार आपका /// सादर

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 6, 2014 at 3:36pm

//बुढ़ापे का ज़ख्म अब रफ़ू करो।
आँसुओं को फिर से पानी कहो।।//

राम भाई इस शेर में ऐब है, बाकी मस्त मस्त, दाद देता हूँ। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
8 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
11 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
11 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
11 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
11 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
11 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service