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कांग्रेसी नेताओं में छिड़ी आपसी जंग

छत्तीसगढ़ में संजारी बालोद उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेसी नेताओं के बीच आपसी जंग तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष धनेंद्र साहू पर वार करते हुए बालोद प्रचार में नहीं बुलाने की बात दोहराई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश प्रभारी वी. नारायण सामी को पांच बिन्दुओं पर पत्र भेजकर सफाई दी है। इसमें उन्होंने चुनाव प्रचार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष के रवैये का जिक्र किया है।
जोगी के भेजे पत्र का मजमून यह बताता है कि वे सीधे प्रदेशाध्यक्ष पर उपचुनाव हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। उन्होंने पूरा पत्र भी प्रदेशाध्यक्ष साहू को संबोधित करते हुए लिखा है और उपचुनाव में हार के बाद आए उनके बयानों पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने किन-किन परिस्थितिओं में उपचुनाव प्रचार में जाना ठीक नहीं समझा। उन्होंने ये भी उल्लेख किया कि बार-बार कांग्रेस उम्मीदवार के बुलाने पर भी वे नहीं पहुंचे क्योंकि इसके पीछे प्रदेशाध्यक्ष का निर्देश था, जिसमें उन्होंने बिना अनुमति प्रचार नहीं करने की बात कही थी। जोगी के इस पत्र के बाद तय माना जा रहा हैं कि कांग्रेस में यह विवाद जल्द नहीं थमने वाला है। इससे पहले भी जोगी ने अपने पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया था। डेढ़ माह पूर्व जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम नरियरा में उन्होंने सार्वजनिक मंच के माध्यम से ही अपने पार्टी के एक नेता पर किसानों के आंदोलन से दूर रहने के लिए स्वयं पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था। दरअसल ग्राम नरियरा में हैदराबाद की पावर कंपनी द्वारा 3600 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिसका विरोध कर रहे किसानों को पुलिस की बर्बरता का शिकार होना पड़ा था। मसलन किसानों के द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन को समर्थन देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जोगी ने अपने पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की। कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है कि पद नहीं मिलने तथा पार्टी की अंर्तकलह से पूर्व मुख्यमंत्री जोगी छटपटा रहे है। खैर मौजूदा समय में संजारी बालोद उपचुनाव में मिली हार की समीक्षा करना तो दूर कांग्रेस नेताओं की आपसी लड़ाई फिर तेज होने लगी है।

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 22, 2011 at 6:34pm
राजेंद्र जी , बहुत ही कटु आलेख है , आज सत्ता की लालीपाप सभी को चाहिये, और कांग्रेसी  तो कुछ ज्यादा ही आजकल उत्सुक होंगे, अरे भाई घोटाला घोटाला का खेल भी तो खेलनी है |

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