For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज ....शाम कुछ अच्छी लगी !

मन शाम के बहानों से उदास

सोच के सागर किनारें

गुज़रते लम्हों के

सफ्हें बदलता रहा

कब आँखे थक कर

बैठ गयी ख़बर नहीं

ज़ेहन में एक तस्वीर

उभर आयी

शांत चेहरे पर

झीनी सी मुस्कराहट

होठों की नमी उड़ी थी कहीं

पर आँखे शरारती

जैसे कह रही थी मुझे

''अच्छा तो तुम अब ऐसे याद करोगी''

 

आँखे खुल गयी चौंक कर

कुछ नहीं था, कोई नहीं था

बस वो ख्याल था और

बहुत देर तक साथ रहा

 

आज शाम कुछ अच्छी लगी…..

(मौलिक एव अप्रकाशित)

प्रियंका.......

Views: 654

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Priyanka singh on February 1, 2014 at 4:18pm

आदरणीय सौरभ सर ...बहुत बहुत आभार आपका ....


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 30, 2014 at 11:27am

अच्छा है प्रियंकाजी..

शाम अच्छी-अच्छी भली-भली गुजरे..   शुभकामनाएँ ..

Comment by Priyanka singh on January 23, 2014 at 11:17pm

आदरणीया प्राची जी ....बहुत बहुत आभार आपकी सराहना के लिए ...ख़ुशी हुई .... :)


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 23, 2014 at 9:42pm

तन्हाई में अपने ही संग बाते करना अच्छा लगता है......... ऐसे ही अपने साथ अपने ख्यालों के साथ गुज़ारे पलों की मासूम अभिव्यक्ति पर बहुत बहुत बधाई प्रिय प्रियंका सिंह जी 

Comment by Priyanka singh on January 22, 2014 at 9:15pm

आदरणीय अरुन जी आपकी पसंदगी का बहुत बहुत धन्यवाद .....

Comment by Priyanka singh on January 22, 2014 at 8:34pm

आदरणीय शरदिन्दु सर..... बहुत बहुत आभार आपका .....

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 22, 2014 at 11:32am

वाह प्रियंका जी बेहद सुन्दर पंक्तियाँ बहुत बहुत बधाई आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on January 22, 2014 at 2:26am
मन को प्रसन्न करती रचना. आदरणीया प्रियंका जी को साधुवाद.
Comment by Priyanka singh on January 21, 2014 at 7:23pm

राहुल जी ....शुक्रिया आपका ...

Comment by Priyanka singh on January 21, 2014 at 7:22pm

आदरणीय गिरिराज जी....रचना की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आ. भाई वृजेश जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। मतले में यदि उन्हें सम्बोधित कर रहे हैं…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , पूरी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत हुई है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें मतले के उला में मुझे भी…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और विस्तार से सुझाव के लिए आभार। इंगित…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आ. बृजेश ब्रज जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है. बधाई स्वीकार करें.मतले के ऊला में ये सर्द रात, हवाएं…"
7 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'

बह्र-ए-मुजतस मुसमन मख़बून महज़ूफमुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन1212  1122  1212  112/22ये सर्द…See More
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपके सकारात्मक प्रयास के लिए हार्दिक बधाई  आपकी इस प्रस्तुति पर कुछेक…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपने, आदरणीय, मेरे उपर्युक्त कहे को देखा तो है, किंतु पूरी तरह से पढ़ा नहीं है। आप उसे धारे-धीरे…"
23 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service