For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक ग़ज़ल - चाँद सूरज गुलाब रक्खा है !!

एक ग़ज़ल - चाँद सूरज गुलाब रक्खा है !!
(२१२२ १२१२ २२/११२)

चाँद सूरज गुलाब रक्खा है |
ख़त में ख़त का जवाब रक्खा है ||

सिसकियों में कटी जो रात उसका
कागज़ों पर हिसाब रक्खा है ||

शामियाना तेरी मुहब्बत का
एक ऐसा भी ख़्वाब रक्खा है ||

लफ़्ज करते नहीं शिकायत क्या
खामुशी का नकाब रक्खा है ||

याद करना तुम्हें ख़ुदा की तरह
आदतों को ख़राब रक्खा है ||

ओढ़ रक्खी हैं झुर्रियाँ मैंने
और तुमने शबाब रक्खा है ||

सींचना चाहता हूँ रिश्तों को
खुद को प्यासा, जनाब रक्खा है ||

-- आशीष नैथानी 'सलिल'
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 1023

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 6, 2013 at 2:58pm

आदरणीय आशीष भाई एक बेहतरीन ग़ज़ल लाजवाब अशआर हुए हैं खास कर इन अशआरों हेतु विशेष तौर से बधाई स्वीकारें.

याद करना तुम्हें ख़ुदा की तरह
आदतों को ख़राब रक्खा है || वाह भाई वाह

सींचना चाहता हूँ रिश्तों को
खुद को प्यासा, जनाब रक्खा है || लाजवाब

Comment by Saarthi Baidyanath on October 6, 2013 at 2:28pm

जनाब ...मतले के लिए हार्दिक बधाइयाँ ...सचमुच दिल को छू गई ..

चाँद सूरज गुलाब रक्खा है |
ख़त में ख़त का जवाब रक्खा है ||.... शानदार आगाज़ ..आपने जल्दबाजी कर दी है शायद , उम्दा ग़ज़ल हो सकती है  ! :)

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on October 6, 2013 at 2:01pm

तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय रविकर जी !

तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय Er. Ganesh Jee "Bagi" जी !

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on October 6, 2013 at 1:58pm

शुक्रिया आदरणीया vandana जी !

शुक्रिया आदरणीय Abhinav Arun जी !!

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on October 6, 2013 at 1:51pm

बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय hemant sharma जी, आदरणीय Sushil.Joshi जी ! 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 6, 2013 at 9:54am

अच्छी ग़ज़ल हुई है, 

//याद करना तुम्हें ख़ुदा की तरह 
आदतों को ख़राब रक्खा है ||//

इस शेर पर विशेष बधाई । 

Comment by रविकर on October 6, 2013 at 8:48am

बढ़िया-
आभार आदरणीय-

Comment by Abhinav Arun on October 6, 2013 at 7:07am

अच्छे शेर ..खूबसूरत ग़ज़ल हुई है ..हार्दिक बधाई श्री सलिल जी !!

Comment by vandana on October 6, 2013 at 6:43am

बहुत शानदार गज़ल आदरणीय आशीष जी 

Comment by Sushil.Joshi on October 6, 2013 at 2:43am

क्या शानदार गज़ल कही है आदरणीय आशीष भाई....बधाई हो...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service