For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! शालिनी छन्द !!!
शालिनी छन्द के प्रत्येक चरण मे 11 वर्ण होते है तथा इसमें एक मगण, दो तगण तथा दो गुरू होते हैं।
-1-
राधे-राधे गीत जो गा रहे हैं।
कृष्णा जैसे मीत वो पा रहे है।।
आत्मा से औचित्य भी भा रहे हैं।
काया के अट्टालिका ढा रहे हैं।।
-2-
भावों से पाया जमीं सार सारा।
बीथीं-बीथीं भाग्य का पार पारा।।
दुःखों से आनन्द का धार* धारा।.......*मार्गं
पश्चातापों से सभी जार* जारा।।......*पाप
-3-
वृक्षों-बृक्षों से फले कामनाएं।
तारों-तारों में छिपे आशनाएं।।
बच्चों-बच्चों में जगे भावनाएं।
आशातीतों से करे प्रार्थनाएं।।
-4-
अंग्रेजों को मात देते रहे हैं।
गद्दारों का बोझ ढोते रहे है।।
सम्मानों की राह रोते रहे हैं।
भ्रष्टाचारी देश खाते रहे हैं।।
-5-
खेती-बाड़ी छोड़ता गांव सारा।
रोजी-रोटी त्रासदी को पुकारा।।
पत्नी-बच्चों का नहीं साथ यारा।
जीता है क्या लाश बन्दा कुंआरा।।


के0पी0सत्यम/ मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 4042

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 21, 2013 at 8:18am

आ0 वेदिका जी,  आपके स्नेह, सराहना और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by वेदिका on June 20, 2013 at 9:02pm

प्रयास की दृष्टी से रचना सुंदर बन पड़ी है ...बधाई आदरणीय केवल जी! 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 20, 2013 at 6:48pm

आ0 मीना पाठक जी,    आपके स्नेह एवं उत्साह वर्धन हेतु हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 20, 2013 at 6:46pm

आ0 आशुतोष मिश्रा भाई जी,    आपके स्नेह एवं उत्साह वर्धन हेतु हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 20, 2013 at 6:45pm

आ0 बृजेश भाई जी,    आपके स्नेह एवं उत्साह वर्धन हेतु हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 20, 2013 at 6:44pm

आ0 रामशिरोमणि भाई जी,   जी! मेहनत के अनुसार ही फल मिलता है। आपके स्नेह एवं उत्साह वर्धन हेतु हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 20, 2013 at 6:41pm

आ0 अरून शर्मा भाई जी,   जी! आपका कहना उचित ही है। आपके स्नेह और सुझाव हेतु हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by Meena Pathak on June 20, 2013 at 6:04pm

आदरणीय केवल प्रसाद जी .. छन्द के बारे में मै ज्यादा नही जानती, आप ने जो जानकारी दी उसके लिए आभारी हूँ .. छन्द पढ़ के बहुत अच्छा लगा .. हार्दिक बधाई स्वीकारें 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 20, 2013 at 2:30pm

छंद के बिषय में जानकारी इतनी सुंदर रचना के माध्यम से मिली हार्दिक बधाई 

Comment by बृजेश नीरज on June 20, 2013 at 8:46am

आदरणीय केवल प्रसाद जी इस प्रयास पर आपको हार्दिक बधाई!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"मौजूदा जीवन के यथार्थ को कुण्डलिया छ्ंद में बाँधने के लिए बधाई, आदरणीय सुशील सरना जी. "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  ढीली मन की गाँठ को, कुछ तो रखना सीख।जब  चाहो  तब …"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"भाई शिज्जू जी, क्या ही कमाल के अश’आर निकाले हैं आपने. वाह वाह ...  किस एक की बात करूँ…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपके अभ्यास और इस हेतु लगन चकित करता है.  अच्छी गजल हुई है. इसे…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service