For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलिया - भारतरत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि (१५ दिसंबर) पर विशेष

मोती-मोती जोड़ के, गूँथ नौलखा हार।
विश्वपटल पे रख दिया, भारत का आधार॥
भारत का आधार, भरा था जिसमें लोहा,
जय सरदार पटेल, सभी के मन को मोहा।
वापस लाये खींच, देश की गरिमा खोती,
सौ सालों में एक, मिलेगा ऐसा मोती॥

Views: 1591

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on February 20, 2013 at 7:54am

बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीया वेदिका जी.....

Comment by वेदिका on February 19, 2013 at 4:49am

भारत का आधार, भरा था जिसमें लोहा,..

आहा ! सुदर .... अति सुन्दर !

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 18, 2012 at 1:00pm

प्रोत्साहन के लिये आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीया प्राची दीदी........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 18, 2012 at 1:00pm

आपका हार्दिक आभार आदरणीय अविनाश सर........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 18, 2012 at 12:59pm

धन्यवाद आदरणीय अजय खरे सर.....

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 18, 2012 at 12:57pm

कुंडलिया की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार आदरणीय बड़े भैया गणेश जी..........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 18, 2012 at 12:56pm

धन्यवाद श्याम नारायण सर........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on December 18, 2012 at 12:55pm

छंद की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार मित्र अरुन शर्मा जी......


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 16, 2012 at 4:07pm

बहुत सुन्दर कुण्डलिया प्रिय कुमार गौरव जी , हार्दिक बधाई 

Comment by AVINASH S BAGDE on December 15, 2012 at 8:59pm

सौ सालों में एक, मिलेगा ऐसा मोती॥

बहुत ही सुन्दर कुण्डलिया छंद, लौह पुरुष सरदार पटेल..

कुमार गौरव अजीतेन्दु 

मित्र

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service