For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अन्ना - अराजकता या संशोधन

मैं कई लोगों के मुंह से सुन चुका हूँ के अन्ना हजारे के आंदोलन से अराजकता की स्तिथि पैदा हो रही है या हो सकती है

 

तो में उन लोगों से पूछना चाहता हूँ के अराजकता का मतलब क्या है

ये जो ६५ साल से भारत की ज्यादातर जनता को भ्रष्टाचार के कारण संघर्षपूर्ण जीवन जीना पड़ता है, क्या ये अराजकता नहीं है

क्या ये जो कमजोर कानूनों का ढाल बनाकर भ्रष्ट लोग कानून की ही धच्चियाँ उड़ाते हैं, क्या ये अराजकता नहीं है

इन जैसे लोगों ने किताबी जानकारी तो काफी ले ली हैं पर इनको लोकतन्त व्यवस्था का कोई भी व्यावहारिक ज्ञान नहीं ऐसा मेरा मत है

 

कई लोग ये कहते हैं के अन्ना हजारे को अनशन करने की जगह लोगों को जागरूक करना चाहिए के वो भ्रष्टाचार ना करें

इसका मतलब है के अन्ना हजारे को वो करना चाहिए जो हमारी ये व्यवस्था ६४ साल में नहीं कर पाई है

इस हिसाब से तो अभी १०० - २०० साल और लग जायेंगे भ्रष्टाचार मिटने के लिए

 

एक और बात

अगर लोगों को व्यवस्था की समझ नहीं है तो क्यों लोगों के मतों के आधार पे सांसद खुद को को निर्णय लेने वाला घोषित करते हैं

और अगर लोगों का मत ही लोकतन्त में निर्णय लेने का मुख्य आधार है लो क्यों नहीं सरकार तुरंत जन लोकपाल लाने का निर्णय लेती ये जानते हुए भी के आज बहुसंख्य जनता का मत इसके पक्ष में है

 

जनता का सरकार को चुनोती देने की जरूरत यों आन पड़ी है के जो आज संसद में बैठे हैं वो हमारे ही प्रतिनिधि हैं

मुद्दा ये है के हमारे ही प्रतिनिधि हमारी बात नहीं सुन रहे

तो हम क्या करें ?

क्या उन्हें कुछ साल और देश को लूटने दें या अपनी ताकत दिखाकर अभी सही फेसला लेने को बाधित करें ?

 

लोकतंत्र का अर्थ जनता के द्वारा सिर्फ प्रतिनिदी चुनना नहीं होता

लोकतंत्र का अर्थ है जनता का शासन

जिसके लिए लिए कई प्रणालियाँ जनता के द्वारा ही बनायीं जाती हैं

और जनता को पूर्ण अधिकार है के वो जरूरत पड़ने पर इस प्रणालियों में संशोधन करे

 

संविधान कोई आसमान से उतर के नहीं आया और ना ही ये कानून व्यवस्था आसमान से उतर के आई है

ये हमरे द्वारा ही बनायीं गयी है और इनके बनाने के पीछे कई आंदोलन और विरोध आधार रहे हैं

और जब आज इनमें संशोधन की जरूरत आन पड़ी है तो तो कुछ लोग इन्ही का हवाला देकर इन्ही को संशोदित करने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं

 

आदमी एक कुत्ता पालता है

और वो ही कुत्ता अगर पागल होकर उसी को काटने लगे तो क्या तुम ये कहोगे के तुम इसका इलाज मत कराओ क्योंकि ये वही कुत्ता है जिसे तुमने पाला था

और कुत्तों की तो आदत ही होती है काटना

इसको इसी रूप में रहने दो

या सब लोगों को समझाओ के इसके काटने से कैसे बचें

और ये तुम्हें काटे तो तुम भी इसे काटो क्योंकि काटने वाला कुत्ता काटने से ही सुधरेगा !!

 

गलत व्यवस्था को उसी गलत व्यवस्था से सुधारने की बात कुत्ते को काटने जैसे प्रतीत होती है

 

Views: 308

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Jul 27
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service