For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आईये अब बढ़ाये अपनी अध्ययन छमता ,कुछ उपायों से ...........


अध्ययन कक्ष को पूजा कक्ष से सटा कर और दरवाजे की स्थिति उत्तर-पूर्व या पश्चिम में रखें। किन्तु दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम में न रखें इससे भ्रम उत्पन्न होते हैं।
- चौकोर टेबल का प्रयोग करें जो चारों पावों में समानता रखती हो।
- टेबल को दक्षिण-पश्चिम या दरवाजे के सामने न लगाएँ। इससे बुद्धि का पतन होता है।

- टेबल को दरवाजे या दीवार से न सटाएँ। जिससे विषय याद रहेगा, रूचि बढ़ेगी।
- लाइट के नीचे या उसकी छाया में टेबल सेट न करें। इससे अध्ययन प्रभावित होगा।
- उत्तर-पूर्व या पूर्व वाले कमरे में अध्ययन कक्ष की व्यवस्था करें यह शुभ, प्रेरणाप्रद रहेगा।

- दक्षिण व दक्षिण-पूर्व दिशा वाले कमरे में अध्ययन कक्ष की व्यवस्था से बचें, यह अशुभ व तनावयुक्त स्थिति दे सकता है।
- कोशिश करें कि नार्थ-वेस्ट में बैठकर भी अध्ययन न करें। इससे पढ़ाई में मन नहीं लगेगा, एकाग्रता भंग होगी।
- उत्तर-पूर्व में माँ सरस्वती, गणेश की प्रतिमा और हरे रंग की चित्राकृतियाँ लगाएँ।

- अध्ययन कक्ष में शान्ति और सकारात्मक वातावरण होना चाहिए। शोरगुल आदि न हो।
- स्मरण व निर्णय शक्ति हेतु दक्षिण में टेबल सेट कर उत्तर या पूर्व की ओर मुँह कर अध्ययन करें। उत्तर-पूर्व विद्यार्थी को योग्य बनाने में सहायक होती है।
- अध्ययन कक्ष के मध्य भाग को साफ व खाली रखें। जिससे ऊर्जा का संचार होता रहेगा।

- अगर मन उचटता हो, तो बगुले का चित्र लगाना चाहिए, जो ध्यान की चेष्टा में हो।
- लक्ष्य प्राप्ति हेतु एकलव्य, अर्जुन की चित्राकृतियाँ लगानी चाहिए।
- टेबल पर सफेद रंग की चादर बिछाएँ। विद्या की देवी माँ सरस्वती को प्रणाम कर अध्ययन शुरू करें।
- जो परीक्षार्थी घर से बाहर या हॉस्टल आदि में रहते हैं। जिनके लिए यह संभव नहीं हो वह पूर्व दिशा की ओर माँ सरस्वती या नृत्य करते या लिखते हुए गणेश जी का चित्र स्थापित करें और उन्हें अध्ययन के पहले और बाद में प्रणाम करें तो उनका भी एनर्जी लेवल बढ़ेगा।

इस प्रकार की अनुकूल वास्तुस्थितियों से अवश्य ही परीक्षार्थियों को सफल होने में सहायता प्राप्त होगी, मन लगेगा, एनर्जी लैवल भी बढ़ेगा और उनकी अध्ययन क्रिया में प्रतिक्रिया रूप नकारात्मक (निगेटिव) ऊर्जा बाधा नहीं बनेगी

Views: 436

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Admin on April 7, 2010 at 1:14pm
रत्नेश जी , बहुत बढ़िया पर्यास है , ऐसे ही लिखते रहिये ,और अच्छी अच्छी जानकारी हम लोगो के बीच बाटते रहिये.धन्यवाद.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 7, 2010 at 7:22am
Bahut badhiya Ratnesh jee,Jankaari sey bhara vastu sastra key tips yaha ham sab key beech rakhaney key liyey dhanyabad,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 6, 2010 at 10:53pm
BAHUT SAHI RATNESH JEE...bahut acchhi jaankari dee hai aapne......main bhi ab soch raha hoon ki isi tarah apne study and computer room ko set karoon.......

dhanyabaad ratnesh jee ye sab yahan share karne ke liye............

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज भाईजी के प्रधान-सम्पादकत्व में अपेक्षानुरूप विवेकशील दृढ़ता के साथ उक्त जुगुप्साकारी…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"   आदरणीय सुशील सरना जी सादर, लक्ष्य विषय लेकर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
5 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"गत दो दिनों से तरही मुशायरे में उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जानकारी मुझे प्राप्त हो रही…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मोहतरम समर कबीर साहब आदाब,चूंकि आपने नाम लेकर कहा इसलिए कमेंट कर रहा हूँ।आपका हमेशा से मैं एहतराम…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सौरभ पाण्डेय, इस गरिमामय मंच का प्रतिरूप / प्रतिनिधि किसी स्वप्न में भी नहीं हो सकता, आदरणीय नीलेश…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय समर सर,वैसे तो आपने उत्तर आ. सौरब सर की पोस्ट पर दिया है जिस पर मुझ जैसे किसी भी व्यक्ति को…"
7 hours ago
Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service