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आज मेरे दिल को बहुत बड़ा सदमा लगा है, मुझे एक पल को लग रहा है की मेरी ज़िंदगी अब किसी काम की नही है मगर दूसरे ही पल अनेक तरह के सवाल मन मे उठने लगते हैं, आज मुझे एक बात का अहसास हो गया की अगर आपकी पहुँच नही है उपर तक तो आप बिल्कुल शुन्य हैं,इस धरती पर आपकी सुनने वाला कोई नही है ,आज मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है,एकबारगी तो मन आत्महत्या तक सोचने लगा था मगर मैने उसे समझाया,की नही ऐसा मत कर , ये काम तो कयरों का है, मगर ये दिल उस वाक्य को सुनकर एक अजीब सी उलझन मे है,समझ मे नही आ रहा है की क्या करूँ क्या नही, कोई काम करने का मन नही कर रहा है, दिल बैठ गया है, बैठ के इतमीनान से रो भी नही सकता क्यूंकी यहाँ पर पड़ोसी भी हैं,मगर दिल को तसल्ली भी नही दे सकता बहुत बड़ी उलझन मे हूँ मैं आज,जीने की चाह ने मुझे रोक रखा है वरना कल के अख़बार के किसी कोने मे आपलोग मेरी मौत की एक छोटी खबर पढ़ रहे होते,

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Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 22, 2010 at 10:06am
अभिषेक भाई , जब जीवन के पथ पर चलते समय कोई एक रास्ता बंद होता है तो कमसे कम चार रास्ता खुल जाता हैं, जरुरत है केवल अपनी दिमाग की बत्ती जला कर उन रास्तो को देखने की , घबराना नाम नहीं है जिन्दगी का , संघर्ष का दूसरा नाम ही जिन्दगी हैं, और यकिन मानिये संघर्ष के फलस्वरूप जो सफलता मिलती हैं वो बहुत ही ख़ुशी प्रदान करता हैं |
Comment by baban pandey on July 21, 2010 at 12:07pm
bhai aasha naam ki chidiya ud chuki hai
apne aap par jeena sikhiye
apne kadamo par chaliye......ek achcha anubhav

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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