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आज के दिन दिनांक 3 नवम्बर,1688 को जयपुर के संथापक सवाई जय सिंह का जन्म हुआ था, उन्हें काव्यमय श्रद्धांजलि -

 

वेध शालाओ के संथापक -
धर्म ज्योतिष व् संस्कृति के मसीहा,
राजाओ में राजा एक हुए तनहा 
राजनीतिज्ञ,कुशल प्रशासक 
जयपुर के संस्थापक
अश्वमेघ यज्ञ के अंतिम चक्रवर्ती
जाकी शोभा जगत में -
दसहो  दिशा छाई,
अपनी वीरता का लोहा मनवा-
बादशाह से सवाई पदवी पाई ।
भविष्य को वर्तमान में लाने वाले -
युग द्रष्टा,
प्रथम कल्कि अवतार मंदिर 
के अधिष्ठाता ।
वास्तु व् शिल्प शास्त्री विद्याधर,
राजगुरु रत्नाकर पौंड्रिक,
 ज्योतिषी जग्गनाथ सम्राट 
 प्रकाण्ड  विद्वान-
श्रीकृष्ण भट्ट कवि, और 
कवि बिहारी का कर सम्मान,
स्वयम ने बढाया अपना मान ।
ऐसे विद्वान,युग द्रष्टा, दूरदर्शी 
राजा को नमन 
शत शत नमन ।  
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला  

 

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Comment

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 4, 2012 at 12:36pm

हार्दिक आभार आपका आदरणीया सीमा जी, इन पर मेरा अध्ययन 1970 में महाराजा  सवाई मान सिघ जी की स्मृति में मेरे द्वारा प्रकाशित स्मारिका के समय पुस्तकालय में किया, अधार पर है, उसे पुनः देखकर लेख आपके सेवा में प्रस्तुत करने का प्रयास करूँगा ।

Comment by seema agrawal on November 4, 2012 at 10:53am

बहुत ज्ञान पूर्ण प्रस्तुति .....इस जानकारी को यदि लेख के रूप में प्रस्तुत करेंगे तो और अच्छा रहेगा कथ्य को थोडा विस्तार मिल सकेगा 

कृपया ध्यान दे...

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