For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाँ प्यार मेने भी किया बचपन से ले कर आज तक ...हाँ मुझे पता है प्यार अँधा होता ,,एक मा अपने बेटे से प्यार करती है और फिर वही बेटा उसकी पत्नी से..फिर वही पत्नी उसके बेटे से...बड़ा अजीब लगता ह सुनने मे... चलो मे अब बात करता हूँ की प्यार क्या होता है:-प्यार मे एक दूसरे का सम्मान होता है, जिसे प्यार करो उसकी फ़िक्र  होती है, उसकी चिंता होती है , उसकी बहुत याद आती हाई ,प्यार को तो महसूस किया  जाता है , प्यार कभी भी एक तरफ प्यार नही होता ,सामने वाला भी आपसे उमीद करता की आप भी बदले मे उसे तोड़ा बहुत प्यार दे, उसकी भावनाओ की काद्रा करे , उसे समझे , आपकी फीलिंग्स उसके साथ बाते अपना हर सुख और दुख उसके साथ बाट्‍टे ,जिंदगी मे उसका साथ दे ,,एक दूसरे के लए जीने का मक़सद बने ,एक दूसरे के हम सफ़र,
जब दो दिल आपस मे मिलते है तो आपकी जिंदगी बहुत अच्छी लगने लगती है, सफलता आपके कदम चुन लेती है,एक दूसरे के लए प्रेरणा स्त्रोत  बनते हैं ये होता है सच्चा प्यार..
......................................अब ये तो कलयुग है,यहा धोका बहुत यहा पर लोग सिर्फ़ घर परिवार धन दौलत संपाति मान सम्मान के लए प्यार करने का ढोंग करते हैं और या फिर शारीरिक भूख मिटाने के लए ही शादी या प्यार करते हैं..--------------------------तो फिर कैसे इंसान इस कलयुग मे सुखी रह पाएगा , मे बताता हू.
इंसान को किसी भी प्राणी से इतना प्रेम और दिल नही लगाना चाहिए की वो उसके बिना जी ना सके और उसके बिना उसकी जिंदगी नीरस हो जाए, ऐसे तो यहा कुछ भी नही टिकता , मतलब यहा पर कुछ भी चीज़ हुमेशा नही रहती , मनुष्या  जन्म लेता है और एक दिन जाता ह ...ये एक चक्र है कोई आता है तो कोई जाता है...तो फिर क्यू लोग उस शरीर से इतना प्रेम करते है जो एक दिन ना एक दिन जल जाता ह.............

Views: 445

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rash Bihari Ravi on June 12, 2011 at 2:51pm
khubsurat soch lajabab
Comment by Rohit Singh Rajput on March 27, 2011 at 5:16pm

thanx  anrun kumar pandey ji

 

Comment by Abhinav Arun on March 27, 2011 at 1:51pm
अच्छी भावप्रवण सोच | रोहित जी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
15 hours ago
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service