For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समस्या - समाधान ( लघु-कथा ) -- डॉo विजय शंकर

राजा बहुत चिंतित था। चिंतायुक्त विचार विमर्श के लिए वह अपने राजपरिवार के गुरु जी के पास निर्जन वन में गया। कुशल क्षेम के बाद बोला , " गुरु जी , मेरे राज्य में बहुत से बाबा हो गए हैं , प्रजाजन भी उनके पास अक्सर जाते हैं , उनसे आशा करते हैं कि वे परलोक छोड़ इहि लोक में भी उनका कल्याण करेंगे ? क्या ये सही है , वे क्यों जाते हैं ? "
गुरु जी बोले , " क्योंकि तुम उनका अभीष्ट कल्याण नहीं करते हो ,तुम उनका कल्याण करो। फिर देखो।"

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 691

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 19, 2016 at 9:30am
आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी , कहानी आपको अच्छी लगी , आभार ह्रदय से , प्रशस्ति के लिए धन्यवाद , सादर।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 18, 2016 at 1:00pm
आदरणीय डॉ विजय शंकर जी गागर में सागर भरती इस लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें । सादर ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on October 18, 2016 at 10:19am
आदरणीय सुश्री राजेश कुमारी जी , आपको लघु-अच्छी लगी , आपने दोनों पक्षों की कमजोरी को पकड़ा , कथा आप तक पूर्ण रूप में पहुँची और स्वयं में सार्थक हुयी। आपका ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on October 18, 2016 at 10:19am
आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार , रचना आपको पसंद आई , आभार। आपकी विवेचना रचना का मान बढ़ा देती है , आप लेखन को पूर्ण मान सम्मान देते हैं। लेखक का इससे अच्छा उत्साह वर्धन और क्या हो सकता है। आपका और आपकी पारखी नज़र का आभार और ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on October 18, 2016 at 10:19am
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी , लघु - कथा आप तक पूर्ण रूप में पहुँची , आपने उसे पूरा मान दिया और उसकी एक बहुत ही सुन्दर व्याख्या प्रस्तुत की। हर बिंदु पर आपका अलग अलग आभार और धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on October 18, 2016 at 10:18am
आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप जी , आपको लघु-कथा अच्छी लगी , इसके लिए आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on October 18, 2016 at 10:17am
आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी , आपको लघु-कथा अच्छी लगी , आभार एवं धन्यवाद , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 17, 2016 at 9:26pm

अच्छा कटाक्ष है इन ढोंगी बाबाओं के उपर भी और प्रशासक  के ऊपर भी बहुत  खूब  हार्दिक बधाई आद०  डॉ० विजय शंकर जी | 

Comment by Samar kabeer on October 17, 2016 at 8:32pm
आली जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब,कम शब्दों में बड़ी बात करना कोई आपसे सीखे,हालात-ए-हाज़रा पर बहुत शानदार तरीक़े से तंज़ किया है आपने,बाबा गिरी आज का सबसे सफल व्यापार बन गई है,और सीधे सादे मासूम लोग उनका आसानी से शिकार होते हैं ।
वाह बहुत ख़ूब, इस बहतरीन लघुकथा के लिये ढेरों बधाई स्वीकार कीजिये ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 17, 2016 at 4:04pm
दायित्व निर्वहन, कर्तव्य निभाने व अभीष्ट कल्याण कर पाने में असमर्थ/असफल शासन, प्रशासन, व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए तथाकथित बाबाओं को कटघरे में खड़ा करती रचना के साथ बेहतरीन कथ्य सम्प्रेषित करती रचना के लिए बहुत बहुत हार्दिक बधाई आपको आदरणीय डॉ. विजय शंकर जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"//झील झरने नद सरोवर सब हैं सूखे आपको अपनी सुराही दिख रही है।// क्या कहने भाई मिथिलेश जी, बहुत ही…"
4 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सातों दोहे एक से बढ़कर एक, आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी बधाई स्वीकार…"
7 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय तिलक राज जी शब्दों के अर्थ ये रहे। ये शब्द आम ही हैं।"
12 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय Tilak Raj Kapoor जी, आपने बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही है, इसपर रचनाकार को अवश्य ध्यान…"
13 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"अच्छी ग़ज़ल हुई। वाह"
15 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, प्रदत्त विषय आधारित अच्छी अतुकांत रचना प्रस्तुत हुई है, बधाई स्वीकार करें।"
15 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी, प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस…"
15 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"//दोष गर्मी का सूरज पे मत डालिए// आहा ! आपकी प्रस्तुत रचना मैं गुनगुनाते हुए पढ़ लिया, सच में आनंद आ…"
17 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"रूख - पेड़ पटभेड़ - किवाड़/दरवाजा बंद रहना पिलखन - एक पेड़ का नाम"
18 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"बहुत सही सुझाव आदरणीया  डॉ प्राची जी। "
24 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय  सुरेश कुमार 'कल्याण' जी, प्रदत्त विषय को केंद्रित शानदार रचना…"
24 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"//एक झूला बीच आँगन में लिए नीम बन भीनी महकती ज़िन्दगी // अरे वाह ! क्या कहने, शानदार, बहुत खूब…"
27 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service