For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्यार से तस्वीर मेरी - पोंछना आंसू बहाके

प्यार से तस्वीर मेरी, पोंछना आंसू बहाके।

शीश खटिये पे टिकाकर, सोंचना आंसू बहाके।।

 

चैन से जी भी न पाये,चैन से मर भी न पाये।

याद के टुकड़े पुराने, नोंचना आंसू बहाके।।

 

इस कदर मेरी मुहब्बत, कर गई बर्बाद उसको।

नाम लिख मेरा हँथेली, गोंचना आंसू बहाके।।

 

जब कभी मेरी कमी खलती, उसे है खामखा तब।

दर्द में दुखती रगों को, कोंचना आंसू बहाके।।

 

जख्म से मजबूर होके, घाव ले जीती रही।

क्या करे तकदीर को है, कोसना आंसू बहाके।।

 

चाँद से हो खूबसूरत, जब कभी उसको कहूँ मैं।

शर्म से फिर मुस्कुराना, रोकना आंसू बहाके।।

Views: 586

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 17, 2012 at 11:59am

शुक्रिया आभार धन्यवाद अशोक सर

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 16, 2012 at 10:34pm

सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारे अरुण जी सादर.

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2012 at 11:00am

आदरेया प्राची जी रचना को पसंद व सराहना करने हेतु आपका ह्रदय के अन्तःस्थल से अनेक-2 धन्यवाद. आपके इसी तरह स्नेह की अपेक्षा सदैव रहेगी. सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2012 at 10:58am

आदरणीय विजय निकोर साहब बहुत-2 शुक्रिया

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2012 at 10:57am

तहे दिल से आभार आदरणीय सौरभ सर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 7, 2012 at 10:03am

बहुत कोमल भावों के दर्द की पराकाष्ठा को शब्द दिये हैं आपने रचना में.. सुन्दर अभिव्यक्ति. हार्दिक बधाई स्वीकारें 

Comment by vijay nikore on December 6, 2012 at 8:40pm

आ० अनन्त जी,

भाव बहुत अच्छे लगे। बधाई।

विजय निकोर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 6, 2012 at 8:18pm

वाह .. सुन्दर भावाभिव्यक्ति ! बधाई अन्त जी.

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 6, 2012 at 5:43pm

आभार आदरणीय झा सर

Comment by जगदानन्द झा 'मनु' on December 6, 2012 at 5:39pm

सुन्दर भावाभिव्यक्ति, बधाई  'अनंत' जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
21 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service