For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या हमारे सितारे झूठ बोलते हैं ,

क्या हमारे सितारे झूठ बोलते हैं ,
ये सोच कर मेरा दिल जलता हैं ,
एक जन सेमसंग गुरु का रट लगाया ,
मेरे पॉकेट से अच्छा चूना लगवाया ,
एक बादशाह हैं अच्छा उल्लू बनाया ,
हप्ता क्या सालो मला ना चमक पाया ,
एक महानायक हमें जो बताया ,
हकीकत के पास उन्हें भी ना पाया ,
सर जी ने बोला आइडिया बदल देगी ,
नही पता था तीस रुपया वो काट लेगी ,
गलती से बेटा ने दबा दिया जो फोन आया ,
मेरे बैलेंस से तीस रुपया का चूना लगाया ,
बाद में पता चला १० और खा गया वो ,
मैं फोन कर के बोला जो काटे हो वो देदो ,
वापस नहीं मिला सही में आइडिया बदल दी ,
और मैंने फ़ोन को बिना कॉलर ट्यून कर दी ,
आज इतना ही कल और बताएंगे ,
आप सोचो हमारे सितारे क्या करते हैं ,
क्या हमारे सितारे झूठ बोलते हैं ,

Views: 448

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 21, 2010 at 3:57pm
गुरु जी, जब सितारे पैसा खाकर बोलेंगे तो झूठ ही बोलेंगे ना, सही है गुरु सही है |
Comment by Julie on October 20, 2010 at 10:24pm
वाह ला'जवाब... शब्द नहीं... सच सितारे भी कभी-कभी झूठ बोलते हैं, क्यूंकि उनके सितारे बुलंदियों पर होते हैं...!! :-)))

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 19, 2010 at 5:23pm
भाईरविकुमार, सबसे पहिले त हार्दिक अभिवादन स्वीकार करीं, जे रउआ आशुरचनाकर्म में जुटल बानी. कुछऊ सारगर्भित ऑनलाइन लीखि के हाल्दे पोस्ट कऽ दीहल बड़हन तप के प्रतिसाद हऽ. सभ का बेंवत में ई ना होखे जे ऊ आशुरचना कऽ सकी.

चूँकि, प्रस्तुत मंच हिन्दी का है, अतः, भोजपुरी भाषा में परस्पर संवाद न केवल अनुचित होगा बल्कि अतुकांत भी होगा, साथ ही यह अनुशासनहीनता के दायरे का भी माना जाएगा.
भाई, आपकी बातों पर मैंने अवश्य ध्यान दिया है. आशुरचनाकर्म बेहतर है किन्तु इस क्रम में बहुत मँजने की आवश्यकता होती है. यदि इस हेतु रचना-प्रयास निरंतरता के साथ दीर्घकाल तक न किया गया तो न केवल त्रुटियों की गुंजाइश बनी रहती है, कथ्य और शिल्प में भी गठन नहीं आ पाता. इस लिहाज से बेहतर होगा कि अपनी रचनाओं को आनन-फानन में पोस्ट करने की अपेक्षा उसे कागज़ पर लिख कर कई दफे दुहरा लें, जैसा कि, हमें अपने विद्यार्थी-जीवन में परीक्षाओं में अमल करने को सिखाया जाता था.
मैं आजतक इस प्रक्रिया पर अमल कर रहा हूँ. कई दिनों बाद पुनः उस लिखी रचना को देख किसी निर्मम शल्य-चिकित्सक की तरह त्रुटियों पर कतरब्यौंत करता हूँ. इस प्रक्रिया से रचना दुरुस्त भी हो लेती है और हृदय को असीम संतुष्टि भी रहती है कि हमने सुधीजनों के लिए रचना-पटल पर अपने लिहाज से अत्युत्तम समर्पित किया है.. सौ टका टंच.
शाब्दिक/अक्षरी/हिज्जै की अशुद्धियाँ दूर तो होंगी ही, कथ्य भी कढ़ा रहेगा. व्याकरण सम्बन्धी त्रुटियाँ वास्तव में रचना की गंभीरता को कम करती हैं. इस पर हमें-आपको क्या सभी रचनाकारों को ध्यान देने की आवश्यकता है. सलिलजी का हिन्दी भाषा पर क्रमवार लेख इस लिजाज से हम सभी के लिए स्तुत्य अवसर है.
Comment by Rash Bihari Ravi on October 19, 2010 at 4:42pm
सौरभ पाण्डेय ,
भैया प्रणाम ,
हम पुराना बीतल बात के जिक्र न कर के हम राउआ से कहे के चाहत बनी की अगर हमसे गलती भइल बा ता हमें माफ़ करब ,
Comment by Admin on October 19, 2010 at 4:08pm
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी,
सादर अभिवादन,
एडमिन टीम बेहद सजग है और किसी को भी किसी के लिये अमर्यादित टिपण्णी के लिये OBO पर कोई जगह नहीं है, आदरणीय स्वतंत्र जी की टिप्पणी हमने देखी थी वह संतुलित टिप्पणी थी, जिसपर श्री रवि कुमार द्वारा नकारात्मक टिप्पणी की गई जो निस्संदेह ठीक नहीं थी ! हमारी टीम ने अविलम्ब श्री रवि कुमार से बात की जिसपर श्री कुमार ने गलती स्वीकारते हुये अपनी पोस्ट को भी एडिट किया और अपनी टिप्पणी को भी हटा लिया | तत्पश्चात श्री स्वतंत्र जी द्वारा अपनी टिप्पणी को स्वतः हटा दिया गया |
पुनः मैं आश्वस्त करना चाहता हूँ की हमारी टीम की नजर सदैव चौकस और चौकनी रहती है, आप सभी सम्मानित सदस्य बिलकुल निश्चिंत रहे |
आपका
एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आग लगी है व्योम में, कहते कवि 'कल्याण' चहुँ दिशि बस अंगार हैं, किस विधि पाएं त्राण,किस…"
11 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"भाई लक्षमण जी एक अरसे बाद आपकी रचना पर आना हुआ और मन मुग्ध हो गया पर्यावरण के क्षरण पर…"
45 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"अभिवादन सादर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रदत्त विषय को सार्थक करतीब हुत बढ़िया दोहावली की प्रस्तुति। इस…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आपने पर्यावरण के विभिन्न आयामों को सम्मिलित करते हुए एक बढ़िया प्रस्तुति दी…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रदत्त विषय पर बढ़िया कुंडलिया छंद हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी, प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। इस प्रस्तुति…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"धुंध गहरी और खाई दिख रही है  अब तरक्की में तबाही दिख रही है। बोझ से घायल हुआ सीना जमीं…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सहर्ष सदर अभिवादन "
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, पर्यावरण विषय पर सुंदर सारगर्भित ग़ज़ल के लिए बधाई।"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार जी, प्रदत्त विषय पर सुंदर सारगर्भित कुण्डलिया छंद के लिए बहुत बहुत बधाई।"
17 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service