अँधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर
 बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल
ख्वाबों और यादों की गली में उम्र गुजारी है
 समय के साथ दुनिया में है रह पाना बहुत मुश्किल
कहने को तो कह लेते है अपनी बात सबसे हम
 जुबां से दिल की बातो को है कह पाना बहुत मुश्किल
ज़माने से मिली ठोकर तो अपना हौसला बढता
 अपनों से मिली ठोकर तो सह पाना बहुत मुश्किल
कुछ पाने की तमन्ना में हम खो देते बहुत कुछ है
 क्या खोया और क्या पाया कह पाना बहुत मुश्किल
कुछ…
ContinueAdded by Madan Mohan saxena on August 4, 2016 at 1:03pm — 3 Comments
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