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R N Tiwari's Blog – January 2011 Archive (8)

स्मृति में..

 

पिताजी की डायरी से...

स्मृति में..



मेरे नगमे तुम्हारे लबो पर,

अचानक ही आते रहेंगें .

एक गुजरी हुई जिंदगी में ,

फिरसे वापस बुलाते रहेगें.



याद आयेगा तुमको सरोवर

और पीपल की सुन्दर ये छाया .

ये बिल्डिंग खड़ी याद होगी ,

जिसको यादों में हमने बसाया .

बरबस ये कहेंगे कहानी ,

और हम…

Continue

Added by R N Tiwari on January 28, 2011 at 10:00am — 2 Comments

नेता जी.

 

 

 

 

पिताजी की डायरी से.....



नेता जी.


राजनीती कहवा से सिखलीं, नेता भयिलिन कहिया .

हम  ता   देखली  कोल्हुवाड़े  में,चाटत  रहलीं महिया.  

त्यागी तपस्वी बनी नाही,कैसे चली यी गाड़ी.

काहें जाएब पटना…
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Added by R N Tiwari on January 26, 2011 at 12:13pm — 3 Comments

पिताजी की डायरी से.......

पिताजी की डायरी से.......



मनुष्य में कुछ भावनाएं स्थाई रूप से रहती हैं. उन भावनाओं में परिवर्तन धीरे धीरे आता है.एक लम्बे समय के बाद उसके स्थान पर दूसरी भावना आती है.प्राचीन काल में भारतीय भावना यही रहती थी की ईश्वर को प्रसन्न रखना है. जिसके परिणाम स्वरुप वह… Continue

Added by R N Tiwari on January 25, 2011 at 9:25pm — 1 Comment

मोती बीए: भोजपुरी कवि (1919-2009)







मोती बीए: भोजपुरी कवि (1919-2009)…

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Added by R N Tiwari on January 25, 2011 at 11:33am — 1 Comment

नहीं रहे भारत के रत्न पंडित भीमसेन जोशी

नहीं रहे भारत के रत्न…
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Added by R N Tiwari on January 24, 2011 at 10:00am — 13 Comments

पिता जी की डायरी से....

पिता जी की डायरी से....



हाय भगवन क्या दिखाया ,

शांति मन में विक्रांति लाकर .

सरज का नव पुष्प कोमल , 

अग्नि ज्वाला में फसाकर,

वेड ही दिवस महिना ,

श्वेत ही वर्ण था निशा का,

शास्त्र ही दिन शेष था.

सूर्य था पश्चिम दिशा का.

उत्साह का उस दिन था पहरा ,

नयन सबही के खिले थे.

एक वर वधु के व्याह में ,…

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Added by R N Tiwari on January 23, 2011 at 6:30pm — 4 Comments

सपना क्या है?

देख रहा हूँ सपना क्या है?

सपना है तो अपना क्या है ?

घिरा हुआ अविरल घेरे में ,

कैसे जानू क्या तेरे में ?





बंधन चक्कर जब अजेय है,

निस वासर ये तपना क्या है?

देख रहा हूँ सपना क्या है.

सपना है तो अपना क्या है?



राजा था क्यों रंक हो गया ?

ज्ञानी था तो कहों खो गया ?

पता नहीं ,जब कोई किसी का,

नाम लिए और जपना क्या है?



देख रहा हूँ सपना क्या है.................

पाना खोना, खोना पाना,

क्या कैसा है ,किसने जाना ?



सब कुछ है और… Continue

Added by R N Tiwari on January 19, 2011 at 4:30pm — 2 Comments

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