For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Subhash Verma "सुखन भोगामी"
  • 52, Male
  • RUDRAPUR UTTARAKHAND
  • India
Share on Facebook MySpace

Subhash Verma "सुखन भोगामी"'s Friends

  • shalini rastogi
  • आशीष नैथानी 'सलिल'
  • Dr.Prachi Singh

Subhash Verma "सुखन भोगामी"'s Groups

 

Subhash Verma "सुखन भोगामी"'s Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Rudrapur Uttarakhand
Native Place
Mainpuri UP
Profession
PRINCIPAL - DEGREE COLLEGE
About me
Interested in Hindi- Urdu poetry & research work on tribal communities

बारिश और तबाही के मुताल्लिक एक ग़ज़ल-
........................................................

संभले तो बूंद बूंद से रहमत बरस पड़ी 
बिगड़े तो आप जानिए वहशत बरस पड़ी/

भेजी थी जो फ़लक पे वो दौलत बरस पड़ी 
लालच की, तरक्की की शरारत बरस पड़ी /

हम पर तो कायनात की लानत बरस पड़ी 
हुक्काम बड़े खुश हैं की ज़न्नत बरस पड़ी /

सूखे के दिए ज़ख्म अभी तक भरे न थे 
देखा की असमान से आफत बरस पड़ी/

कुदरत की नींद हमने मुसलसल हराम की 
जागी तो फिर दहाड़ के कुदरत बरस पड़ी /

मुल्कों में होड़ है तो फ़क़त शोहरतों की है
अब हाय हाय क्या ? कि जो शोहरत बरस पड़ी /

इल्मो-अदब के नाम के सब मर्द हिल गए 
कुदरत है जिसका नाम वो औरत बरस पड़ी/

जब भी कोई ज़ुबां से हक़ीक़त बयां हुई 
यारो "सुखन" के नाम पे तोहमत बरस पड़ी /
........................सुखन भोगामी

मज़हब, जमात, पंथ में बिखरे जुदा जुदा 
वो रब सभी का एक है सजदे जुदा जुदा !
गीता, कुरान, वेद कि गुरग्रंथ, बाइबिल 
कहना सभी का एक है मिसरे जुदा जुदा 
.....................................................

अब मोहब्बत की दुहाई मत दे 
मेरे ख्वाबों में दिखाई मत दे /
आके मिल मुझसे हक़ीक़त की तरह 
बनके अफ़साना सुनाई मत दे/
रफ़्ता-रफ़्ता ये मोहब्बत कम हो 
इतनी लम्बी भी जुदाई मत दे/
उम्र भर छू न सके तू जिनको 
इतनी ख्वाबों को ऊंचाई मत दे /
मुझको हर बात पता है तेरी 
अब तू बेकार सफाई मत दे/
जिनकी महफ़िल में नहीं कद्र "सुभाष" 
उनकी महफ़िल में दिखाई मत दे/

"मुस्काना आसान नहीं है "
-------------------------------
जब तक जाँ में जान नहीं है 
मुस्काना आसान नहीं है /
पूजी जाने वाली हर शय 
वाकई में भगवान नहीं है /
उस रिश्ते से चिढती दुनिया 
जो अपने दरम्यान नहीं है/
दुनिया कोसे, हम मर जाएँ ?
इतनी सस्ती जान नहीं है /

दफ़्न किये हैं खुद में खुद को 
किसमे कब्रिस्तान नहीं है? 
है 'सुभाष' नज़रों से ज़ाहिर 
वो इतना नादान नहीं है / 

........ सुभाष वर्मा 

Subhash Verma "सुखन भोगामी"'s Photos

  • Add Photos
  • View All

Comment Wall (4 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:29am on January 4, 2014,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 7:32am on June 21, 2013, डॉ नूतन डिमरी गैरोला said…

आदरणीय सुभाष वर्मा जी .. आपको ओ बी ओ मे देख कर खासी खुशी हुई .... आशा है कि हम आपस मे एक दूसरे से गंभीरता पूर्वक साहित्यसृजन मे नया सीख सकें ... आपका सादर आभार 

At 10:31am on June 17, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

आदरणीय सुभाष वर्मा जी,

आपका ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में हार्दिक स्वागत है.

१५ के आयोजन में आपकी गरिमामय उपस्थिति और पारखी गुणग्राह्यता व साहित्यप्रेम नें हम सभी के हृदय नें आपकी प्रतिभा के प्रति एक विशिष्ट स्थान बनाया है.

हमें विश्वास है कि ओबीओ परिवार पर हम और आप आपकी साहित्य रचनाकर्मिता और समर्पण से परस्पर लाभान्वित होते रहेंगे.

सादर शुभेच्छाएँ 

At 11:17pm on June 16, 2013, आशीष नैथानी 'सलिल' said…

OBO परिवार में आपका हार्दिक अभिनन्दन आदरणीय सुभाष जी । 
आपकी गरिमामयी उपस्थिति मुझ जैसे नव-रचनाकारों को कुछ नव-सृजित करने में मददगार होगी, ऐसी आशा है ।
हार्दिक अभिवादन ।

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी साहिब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
6 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service