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Divya Rakesh Sharma
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Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-100
"आभार धामी जी।इससे पहले भी मैं अपनी लघुकथाएं पटल पर प्रस्तुत कर चुकी हूं।आप चाहें तो मेरी प्रोफाइल में पढ़ सकते हैं।"
Jul 30, 2023
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-100
"शुक्रिया उस्मानी सर।वाकई में रसोई की घुटन में काम करती महिलाओं की स्थिति बहुत दयनीय हो जाती हैं।खासतौर पर गर्मियों में।इस पर ध्यान नहीं जाता अक्सर घरवालों का।"
Jul 30, 2023
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-100
"अमित जी, रसोई जिसमें पूरे परिवार के स्वास्थ्य का दारोमदार होता है उसे ही उपेक्षित छोड़ दिया जाता है।जबकि यह स्थान घर के अन्य जरूरी स्थानों से ज्यादा जरुरी है।आप ने भी यह अपने घर में महसूस किया यह अच्छी बात है। प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया।"
Jul 30, 2023
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-100
"हकीकत यही है।सिर्फ प्यार के सहारे जिंदगी नहीं कट सकती।लड़कियाँ यह बेहतर जानती हैं इसलिए नहीं कि उनकी इच्छाएँ अनंत हैं बल्कि इसलिए कि लड़कियों के ऊपर ही परिवार और रिश्तों को निभाने की जिम्मेदारी आती है जरा सी चूक और परिवार रिश्ते खत्म।"
Jul 30, 2023
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-100
"रसोई "विभा चाय ले आओ बढिया सी।"  घर के अंदर घुसते ही सुधीर ने पत्नी को आवाज़ लगातार कहा और खुद पिता के निकट बैठ गया। "पापा देखो, चार कमरे निकल आएं हैं और मंदिर के लिए अलग स्पेस भी।" सुधीर ने उत्सुकता से  पिता के सामने…"
Jul 30, 2023
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-93 (विषय: भविष्य)
"जी सर,आज पोस्ट करते हुए बहुत परेशानी हुई उसी के कारण यह भूल हो गई।यह मौलिक और अप्रकाशित है।"
Dec 30, 2022
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-93 (विषय: भविष्य)
"प्रियं च नानृतं ब्रूयात एक बार फिर विक्रम ने बैताल को पेड़ से उतारा और कांधे पर लादे चल पड़ा यह देख बैताल हँसने लगता है कहता है, "तू बहुत जिद्दी है।लगता है तू अपने उद्देश्य में सफल हो जायेगा।चल रास्ता काटने के लिए मैं तुझे एक कहानी सुनाता हूँ…"
Dec 30, 2022
Divya Rakesh Sharma updated their profile
Aug 30, 2022
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-84
"बहुत सार्थक रचना है।"
Mar 30, 2022
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-84
"आभार सर।"
Mar 30, 2022
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-84
"पालतू जानवर के साथ घर के बुजुर्ग की स्थिति की तुलना अनेक कथाओं में की गई है। विषय भी कई बार दोहराया गया है।कथानक पुराना हो लेकिन कथ्य नवीन हो तो लघुकथा में जान आ जाती है। इस कथा में दोहराव है। आशा करती हूं आप मेरी टिप्पणी को अन्यथा नहीं लेंगे।"
Mar 30, 2022
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-84
"विसंगति उभारती अच्छी कथा।"
Mar 30, 2022
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-84
"       पुनरागमं  "दादू. ..दादू!आप यहाँ बैठे हैं और मैं आपको नीचे ढूंढ रहा था।" "क्यों ढूंढ रहे थे?" पोते की ओर बिना देखे दादा ने कहा। "ब्रेकफास्ट के लिए।चलो दादू मम्मी बुला रही…"
Mar 30, 2022
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-81
"सार्थक लघुकथा।"
Dec 30, 2021
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-81
"सर प्रणाम, आपके सुझाव के अनुसार सुधार का प्रयास करूंगी। आभार सर।"
Dec 30, 2021
Divya Rakesh Sharma replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-81
"लघुकथा गोष्ठी- 81 1                   इंडवा "यह क्या है मम्मी जी?स्टोर रूम से मिला है।कितना सुंदर रिंग है!" यह।त्रिशा ने चहकते हुए कहा। "तुझे नहीं मालूम… !कभी देखा नहीं…"
Dec 30, 2021

Profile Information

Gender
Female
City State
Gurgaon
Native Place
Rishikesh
Profession
Professional writer
About me
I'm a writer and a house maker ,I love writing

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At 7:31pm on July 1, 2020, TEJ VEER SINGH said…

आदरणीय दिव्या शर्मा जी को जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवम असीमित शुभ कामनायें। ईश्वर सदैव सुख, शाँति और समृद्धि प्रदान करें। स्वस्थ रहें। दीर्घायु बनें।जीवन में हमेशा उन्नति के पथ पर अग्रसर रहें।

At 8:55pm on September 9, 2017,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ग़ज़ल सीखने एवं जानकारी के लिए....

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"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
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"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
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"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
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"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
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"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
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"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
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