For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघु कथा :- जीवित्पुत्रिका का पर्व

Views: 389

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Monika Jain on May 3, 2012 at 2:28am

जीवित्पुत्रिका का पर्व " aapki ye laghu katha padne ke baad pida aur prashno se bhar gaya. kyo ham us roz hi kaam band kar dete hia jis roz hame sabse zyada kaam aur karmchariyo ka dhyan rakhna chahiye. hindustani Dharm sachmuch bure waqt aur Khali pet me saath nibhata hai  .


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 1, 2012 at 10:18pm

बहुत बहुत आभार महिमा श्री जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 1, 2012 at 10:17pm

सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी, आप सब की प्रेरणा है जो मैं कुछ लिख पाता हूँ |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 1, 2012 at 10:15pm

बहुत बहुत आभार लक्ष्मण प्रसाद जी |

Comment by MAHIMA SHREE on May 1, 2012 at 9:57pm
आदरणीय बागी जी व् आदरणीय धर्मेन्द्र जी को मेरी शुभकामनाये और बधाई/
विशेष कर बागी जी आपकी कथा बहुत ही मार्मिक और यथार्थवादी है हमेशा की तरह ..   
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 1, 2012 at 9:55pm
आदरणीय धर्मेन्द्र जी, सादर
आपकी rachna प्रकाशित होने पर बधाई .
बहुत वास्तविक चित्रण . कामकाजी mahilaon को ghar और दफ्तर दोनों ही देखना होता है. पर साथ बना रहे, सामंजस्य बना रहे. जीवन sukhad एवं aasan हो जाता है. बधाई सुन्दर bhav हेतु.
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 1, 2012 at 9:47pm
आदरणीय बागी जी, सादर
आपकी लघु katha vishayvastu एवं शिल्प के drashtikon से उत्क्रष्ट है. प्रकाशित होने पर बधाई .
आदरणीय तिलक raj जी ने अपनी बात रख दी है.
जब roti नहीं है to vrat to hona hi है, नाम कोई bhi हो. आपने जिस बिंदु पर ध्यान आक्रष्ट करने का प्रयास किया है वो ग्राह्य है. जिस majdoor के लिए दिवस मनाया जा रहा है और उसकी जीविका परतिदिन कमाने से चलती है उसे कानूनन काम करने से रोका जा रहा ये विचार नहीं किया गया ki वो कैसे अपने parivaar की जरूरत को पूरा करेगा. ये कानों बदलना चाहिए या कोई वैकल्पिक व्यवस्था देनी चाहिए. aapko ,आपके ओ.बी.ओ. के विकास हेतु किये जाने वाले प्रयास हेतु punah बधाई.
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 1, 2012 at 8:36pm

जीवित्पुत्रिका-व्रत लघु कहानी वह भी मजदूर दिवस पर,

क्या बात है | हमारा मट्रो अखबार में स्थान पाने पर दो-
गुनी बधाई बागी जी | अन्य सभी महिलाओ को मजदूर 
दिवस पर इस कहानी से  अच्छा सन्देश गया है |

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 1, 2012 at 6:35pm

धन्यवाद आदरणीय अरुण कुमार पाण्डेय "अभिनव" जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 1, 2012 at 6:34pm

Very very thanks Respected Bhawesh Rajpal jee for your valuable comment.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी बहुत शुक्रिया आपका बहुत बेहतर इस्लाह"
48 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी जी, आपने बहुत शानदार ग़ज़ल कही है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी, अपनी समझ अनुसार मिसरे कुछ यूं किए जा सकते हैं। दिल्लगी के मात्राभार पर शंका है।…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मनुष्य से आवेग जनित व्यवहार तो युद्धभा में भी वर्जित है और यहां यदा-कदा यही आवेग ही निरर्थक…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीया रिचा यादव जी आपको मेरा प्रयास पसंद आया जानकर ख़ुशी हुई। मेरे प्रयास को मान देने के लिए…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपके…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"2122 - 1122 - 1122 - 112 / 22 हमने सीखा है ये धड़कन की ज़बानी लिखना दिल पे आता है हमें दिल की…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"बे-म'आनी को कुशलता से म'आनी लिखना तुमको आता है कहानी से कहानी लिखना यह शेर किसी के हुनर…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय तिलकराज सर, बहुत समय बाद आयोजन के लिए ग़ज़ल कही है। आपको मेरा प्रयास पसंद आया जानकर ख़ुशी…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service