For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज फिल्म वन्स उपौन आ टाइम इन मुंबई दर्शकों के सामने पर्दे पर आई है.फिल्म का निर्देशन अच्छा है,मिलन लूथरिया के द्वारा ये1970-80 के अंडरवर्ल्ड के उपर रखकर बनाई गयी कहानी है,फिल्म मे डाइलॉग डेलिवरी अच्छी है,म्यूज़िक थोड़ी मिलावटी लगी,अजय देवगन और कंगना रानौत की जोड़ी अच्छी है,सुल्तान मिर्ज़ा के रोल मे अजय ने एक अलग ही छाप छोड़ी है,इसमे इमरान ने थोड़ा निराश किया,वो इस रोल मे पूरी तरह फिट नही बैठ रहे थे, इमरान अजय देवगन के मजबूत और दृढ़ एक्टिंग के आगे फीके पड़ते दिखाई दिए,प्राची देसाई की एक्टिंग मे निखार दिखा,उनकी टाइमिंग बिल्कुल सही समय पर रही,रणदीप हुड्डा ने एक्टिंग से प्रभावित किया है,गौहर ख़ान ने अपने आइटम नंबर पर खूब तालियाँ बटोरी,उनकी सेक्सी छवि शायद आगे उन्हे फिल्म दिला दे,फिल्म के गाने अच्छे लगे ,प्रीतम का संगीत अच्छा है,मगर बॅकग्राउंड म्यूज़िक मे भी मिलावटीपन नज़र आया, कुल मिलाकर फिल्म देखने लायक है,दर्शकों के मनोरंजन के आसार दिखते नज़र आ रहे हैं,मगर एक बात ख़टकती है,वो ये है की आख़िर क्या सिर्फ़ अब दिखाने को हमारे पास अंडॅर्वर्ल्ड की दुनिया ही रह गयी है?,क्या हमारे पास एक अच्छे पटकथा लेखक की कमी पड़ गई है ?,फिल्म का अंत भी कुछ खास समझ मे नही आता है. वो कौन है जो आज भी विदेश मे रहकर मुंबई पर राज कर रहा है?,लोगों को इससे अच्छा मैसेज नही जाता,अगर आप सिर्फ़ मनोरंजन के नज़रिए से फिल्म देखने जाते हैं तब तो ठीक है,मगर कोई मैसेज ढूँढने की कोशिश करना बेमानी होगी,मेरे हिसाब से इस फिल्म को***1/2,आपकी बहुमुल्य राय क्या है?

Views: 3137

Replies to This Discussion

अभिषेक जी आपने तो बहुत बढ़िया से फिल्म का चीर-फाड़ किया है, बढ़िया समीक्षा लिखे है , आगे भी आप समीक्षा करते रहे , मुझे लगता है कि आप अच्छे फ़िल्म समीक्षक बन सकते है , धन्यवाद,
आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद ,आज की तारीख मे कोई भी आदमी पैसा लगा कर अर्थहीन फिल्म बना लेता है, अगर कहानी अच्छी है तो उसके चरित्र निर्माण मे कमी है , और अगर चरित्र निर्माण सही है तो
तो फिर उसके कहानी मे दम नही है फिर किसी का निर्देशन भी उतना अच्छा नही है, फिर सबका संयोग अगर एक जगह मिल जाए तो फिर कहना ही क्या ,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service