For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य-प्रेमियो,

 

सादर अभिवादन.

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 47 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है.

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ 

20 मार्च 2015 से  21 मार्च 2015,  

दिन शुक्रवार  से दिन शनिवार

इस बार के आयोजन के लिए जिस छन्द का चयन किया गया है, वह है –  ताटंक छन्द

 

ताटंक छन्द तथा कुकुभ छन्द में जो महीन अन्तर है. उस पर ध्यान रहे तो छन्द-प्रयास और अधिक रोचक होगा. भान होगा कि पिछले आयोजन में हमसब ने कुकुभ छन्द के आलोक में जो रचनाकर्म किया था या प्रतिक्रिया छ्न्द रचे थे, उनमें से कई ताटंक छन्द थे !

 

ताटंक छ्न्द के आधारभूत नियमों को जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

 

एक बार में  अधिक-से-अधिक तीन ताटंक छन्द प्रस्तुत किये जा सकते है. 

ऐसा न होने की दशा में प्रतिभागियों की प्रविष्टियाँ ओबीओ प्रबंधन द्वारा हटा दी जायेंगीं.

 

 

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 20 मार्च 2015  से  21 मार्च 2015 यानि दो दिनों के लिए रचना और टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

[प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) के सौजन्य से प्राप्त हुआ है]

 

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

 

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

अति आवश्यक सूचना :

  • आयोजन की अवधि के दौरान सदस्यगण अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक के हिसाब से पोस्ट कर सकेंगे. ध्यान रहे प्रति दिन एक प्रविष्टि, न कि एक ही दिन में दो प्रविष्टियाँ.
  • रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  • सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.  आयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  • आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  • इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  • रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  • रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

 

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

 

Views: 9462

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आ. हरिप्रकाश जी रचना को सराहने एवं उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय 

   आपको एवं आपके परिवार को  कल्याणकारी वासंतिक नवरात्रि एवं गुडी पडवा के शुभ अवसर पर  अनंत शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूँ 

सादर 

वाह वाह वाह आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी आपकी छंद रचना हमेशा ही विशिष्ट होती है. पढ़कर मुग्ध हो जाता हूँ. हार्दिक बधाई इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए. 

आ, मिथिलेश जी सादर, 

      रचना को पसंद कर मान बढाने हेतु आपका हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. 

      आपको एवं आपके परिवार को  कल्याणकारी वासंतिक नवरात्रि एवं गुडी पडवा के शुभ अवसर पर  अनंत शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूँ. 

सादर धन्यवाद 

बहुत सुन्दर रचना आदरणीय सत्यनारायण जी इतनी सुन्दर भाषा और साथ ही सुन्दर भाव ....वाह 

आ. वंदना जी रचना की भाषा एवं भाव आपको पसंद आये मेरा रचना कर्म सार्थक हुआ अनुमोदन हेतु आपका हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. 

      आपको एवं आपके परिवार को  कल्याणकारी वासंतिक नवरात्रि एवं गुडी पडवा के शुभ अवसर पर  अनंत शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूँ. 

सादर धन्यवाद 

सत्या भइया रचनाओं से कितना हमें लुभाते हैं
अकसर मन यह सोचा करता, कैसे भाव जगाते हैं
एक यही उत्तर मिलता है, कोमल भाव समोते हैं   
शब्द-शब्द को बीज सरीखे, हृदय खेत में बोते हैं

आदरणीय सत्यनारायणजी, आपकी छान्दसिक रचनाओं की कोमलता और उसकी संप्रेषणीयता दिनोंदिन प्रखर होती जा रही है. सतत अभ्यास की परिणति क्या हो सकती है इसका ज्वलंत उदाहरण आपकी रचनायें हैं.
मैं आपकी इस प्रस्तुति के भाव-विन्यास पर चकित हूँ. चित्र में प्रदर्शित मुम्बई का यह स्थान भारत के सबसे महँगे स्थानों में से हैं. इस स्थान पर दर्शाये गये ग्रामीण परिवेश के पिता-पुत्र के बीच के संवादों के माध्यम से जैसी भावाभिव्यक्ति आपने की है वह आपकी वैचारिक शुद्धता तथा सहजता का पर्याय है, आदरणीय.
आपकी इस प्रस्तुति पर मैं सादर शुभकामनाएँ अभिव्यक्त कर रहा हूँ.
सादर

परम आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, 

       प्रस्तुति पर आपकी काव्यात्मक प्रतिक्रिया एवं सराहना से  आत्मिक  प्रसन्नता हुई है आदरणीय  छान्दसिक रचना कर्म में दिनों दिन होती प्रगति के लिए मैं ओ बी ओ परिवार एवं आपका हृदय से आभारी हूँ. जिस परिवार के अनमोल  मार्गदर्शन , प्रेरणा, आशीष एवं स्नेह के  बिना यह संभव नहीं है. आशीर्वाद के लिए हृदय से आभारी हूं स्नेह बनाये रखियेगा  सादर 

         आपको एवं आपके परिवार को  कल्याणकारी वासंतिक नवरात्रि एवं गुडी पडवा के शुभ अवसर पर  अनंत शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूँ. 

सादर धन्यवाद 

वाह आदरणीय सत्यनारायणजी मन मोह लिया आपने बहुत सुंदर रचनायें हैं तीनो  रचनायें बांध के रखती है बहुत बहुत बधाई आपको

आ. शिज्जू जी सादर, 

          रचना पर आपकी प्रतिक्रिया पढ़कर मन को सुखद अनुभूति हुई रचना को सराहने एवं मनोबल बढाने हेतु आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ.

 

      आपको एवं आपके परिवार को  कल्याणकारी वासंतिक नवरात्रि एवं गुडी पडवा के शुभ अवसर पर  अनंत शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूँ. 

सादर धन्यवाद 

आदरणीय सत्यनारायण जी  

चमक दमक मायानगरी की, मन को खूब लुभाती है। 
कला, कर्म के साधक जन को, अपने पास बुलाती है।। 
नयन रम्य सागर तट न्यारा, हर मन को बहलाता है। 
भ्रात! यही अनुपम सागर तट, चौपाटी कहलाता है।३। 

मायानगरी मुंबई का सुंदर चित्रण हुआ है। हार्दिक बधाई स्वीकार  करें। 

आ. अखिलेश जी सादर, 

           प्रस्तुति में मायानगरी मुंबई का  चित्रण आपको सुन्दर लगा मेरा रचना कर्म सार्थक हुआ अनुमोदन हेतु आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. 

 आपको एवं आपके परिवार को  कल्याणकारी वासंतिक नवरात्रि एवं गुडी पडवा के शुभ अवसर पर  अनंत शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूँ. 

सादर धन्यवाद 

आ. अखिलेश जी सादर,

आपको एवं आपके परिवार को  कल्याणकारी वासंतिक नवरात्रि एवं गुडी पडवा के शुभ अवसर पर  अनंत शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूँ. 

सादर 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बहुत सुंदर अभिव्यक्ति हुई है आ. मिथिलेश भाई जी कल्पनाओं की तसल्लियों को नकारते हुए यथार्थ को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Jun 3

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Jun 3
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service