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Ravi Shukla's Discussions (1,143)

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"आदरणीय नीलेश जी बधाई स्‍वीकार करें बढि़या ग़ज़ल हुई है इस बार फिर फीता काटने के लिये…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीया शकुंतला जी मुशायरे में कलाम रखने के लिए बधाई अगले महीने तरही मिसरे के बाद दि…"

Ravi Shukla replied Apr 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-70

717 Apr 23, 2016
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय समर साहब बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दिली मुबारक बाद पेश है आपके कलाम का इन्तज़ार रहता…"

Ravi Shukla replied Apr 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-70

717 Apr 23, 2016
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय पंकज जी आपका प्रयास बहुत अच्छा हुआ है इसके लिए दिली दाद क़ुबूल करे आपकी संशोधि…"

Ravi Shukla replied Apr 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-70

717 Apr 23, 2016
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय गिरिराज जी बहुत खूब अशआर कहे है आपने कभी चौखट न लांघे याद रखना बात कमरे की जो…"

Ravi Shukla replied Apr 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-70

717 Apr 23, 2016
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय शिज्जु जी कामयाब ग़ज़ल के लिए दिली मुबारक बाद क़ुबूल करे मतला शानदार है ख्यालो क…"

Ravi Shukla replied Apr 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-70

717 Apr 23, 2016
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय मसूद जी आपकी शानदार ग़ज़ल पर कुछ कहना चाहते है पर शायद आप को पसंद न हो कोई दाद…"

Ravi Shukla replied Apr 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-70

717 Apr 23, 2016
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय तस्दीक साहब शान दार ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद हाज़िर है पढ़ते समय तज़्रबा के वज़्…"

Ravi Shukla replied Apr 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-70

717 Apr 23, 2016
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय गुलशन खैराबादी जी बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल कहि है दाद कुनूल करें"

Ravi Shukla replied Apr 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-70

717 Apr 23, 2016
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय दिनेश जी बढ़िया ग़ज़ल कहींहै आपने मोबाइल पर जैसे जैसे पेज लोड हो रहे है दाद और म…"

Ravi Shukla replied Apr 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-70

717 Apr 23, 2016
Reply by Saurabh Pandey

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"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
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"आदरणीय सौरभ जी अच्छी गजल आपने कही है इसके लिए बहुत-बहुत बधाई सेकंड लास्ट शेर के उला मिसरा की तकती…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर आपने सर्वोत्तम रचना लिख कर मेरी आकांक्षा…"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"माता - पिता की छाँव में चिन्ता से दूर थेशैतानियों को गाँव में हम ही तो शूर थे।।*लेकिन सजग थे पीर न…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे सखा, रह रह आए याद। करते थे सब काम हम, ओबीओ के बाद।। रे भैया ओबीओ के बाद। वो भी…"
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Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"स्वागतम"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

देवता चिल्लाने लगे हैं (कविता)

पहले देवता फुसफुसाते थेउनके अस्पष्ट स्वर कानों में नहीं, आत्मा में गूँजते थेवहाँ से रिसकर कभी…See More
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