For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Ravi Shukla's Discussions (1,143)

Discussions Replied To (1062) Replies Latest Activity

"आदरणीय सतविन्‍द्र जी बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय सौरभ भाई जी  बिल्‍कुल नये आैर आपके मिजाज की गजल के लिये दिली बधाई स्‍वीकार की…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय मनन जी ग़ज़ल के सुन्‍दर प्रयास  और मुशायरे में शिरकत के लिये बधाई स्‍वीकार कर…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय गुलशन खैराबादी जी बढि़या गजल के लिये बहुत बहुत बधाई  एक जिज्ञासा है जानना चाह…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय मोहम्‍मद नायाब जी वाकई नाम के अनुकूल नायाब गजल हुई है मतले से मकते तक हर शेर…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"तर्के निस्बत यूँ कि ह़र्फ़े ख़त को भी जब मिले,वापिस वो गिन गिन के लिये.  आदरणीय सुनी…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय दिनेश जी बहुत ही बढि़या अश्‍आर हुए है दिली दाद कुबूल करें मूल से प्यारा मुझे…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"चोंच में दो चार क्या तिनके लिए टूट कर बिजली गिरी इनके लिए जो मिले तो शुक्र उसका कर स…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय समर साहब मकते से मतले तक हर शेर के लिये दिली दाद कुबूल करें वाह फूल, ख़ुशबू ,…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"अादरणीय रिजवान जी बहुत बढि़या ग़ज़ल कही है अापने दिली दाद कुबूल करें। अच्‍छे मतले से…"

Ravi Shukla replied May 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-71

1049 May 28, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221 2121 1221 212 बर्बाद ज़िंदगी का मज़ा हमसे पूछिए दुश्मन से दोस्ती का मज़ा हमसे पूछिए १ पाते…"
24 minutes ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेंद्र जी, ग़ज़ल की बधाई स्वीकार कीजिए"
1 hour ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। वो शोख़ सी निगाहें औ'…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
4 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"सुनते हैं उसको मेरा पता याद आ गया क्या फिर से कोई काम नया याद आ गया जो कुछ भी मेरे साथ हुआ याद ही…"
10 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"सूरज के बिम्ब को लेकर क्या ही सुलझी हुई गजल प्रस्तुत हुई है, आदरणीय मिथिलेश भाईजी. वाह वाह वाह…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
Thursday
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service