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kanta roy's Discussions (2,219)

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" दिल अकेले में भी लग रहा है मेरायूँ मुझे आज बहला रहा कौन है.-------------वाह ! आदरणी…"

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
Reply by shree suneel

"आदरणीय शहज़ाद जी की ग़ज़ल में दो -एक जगह चूक हो गयी है। तो क्या सिर्फ इस वजह से ही ग़ज़ल…"

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
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"बाद मुद्दत के मिलने पे उसने कहामैं नहीं जानता, तू मेरा कौन है------वाह ! क्या बात कह…"

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
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"बढ़िया ग़ज़ल की पेशकश हुई है आपकी आदरणीय नायाब जी।  बधाई स्वीकार करें।  "

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
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"तू ही बिगड़ी बनाएगा बेशक मेरी मेरा तेरे सिवा ऐ खुदा कौन है।।------ बहुत ही खूबसूरत शे…"

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
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"तुम जो इज़हारे ग़म हमसे करते नहीं हम समझते भी कैसे ख़फा कौन है------- वाह ! बहुत खूब कह…"

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
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"ऐसा झटका देते है आप कि सामने वाला तो क्या ,पाठक गण भी सकते में आ जाये । हा हा हा हा…"

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
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"सत्य की बालियों को तो, पिसना ही है। स्वार्थ की चाक में, छूटता कौन है।।.......वाह ! ब…"

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
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"कौन मंज़िल मेरी, रास्ता कौन हैमुझ में भटका हुआ, जी रहा कौन है-------बेहद शानदार प्रस्…"

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
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"बेहतरीन गजल बनी है आपकी आदरणीय गंगाधर धर जी । बधाई स्वीकार करें ।"

kanta roy replied Feb 27, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

1191 Feb 27, 2016
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
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Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
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Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
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Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
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