For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मिथिलेश वामनकर's Discussions (7,317)

Discussions Replied To (5667) Replies Latest Activity

"आदरणीया राजेश दीदी मेरा प्रयास आपको पसंद आया जानकार ख़ुशी हुई. थोड़ा आश्वस्त भी हुआ आप…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय दिनेश भाई जी मुक्तकंठ प्रशंसा के लिए हृदय से आभारी हूँ."

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय नीलेश जी सराहना के लिए हार्दिक आभार. यात्रा से लौटने के पश्चात ग़ज़ल लिखने के ल…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय राजेश दीदी इस कठिन बह्र में आपने बेहतरीन ग़ज़ल कही है सभी अशआर एक से बढकर एक है…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय शिज्जु भाई जी बहुत बेहतरीन ग़ज़ल हुई है. मतला कमाल हुआ है. गिरह आपने जबरदस्त लग…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय दिनेश भाई बहुत खूब ... इस कठिन बह्र में आपने कमाल के अशआर निकाले है पूरी ग़ज़ल…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय नीलेश जी इस कठिन बह्र में आपने कमाल की ग़ज़ल कही है बहुत ही बेहतरीन और उम्दा शे…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय समर कबीर जी बेहतरीन और उम्दा ग़ज़ल कही है शेर दर शेर दाद कुबूल फरमाए  मतला कमाल…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय गिरिराज सर बेहतरीन और उम्दा ग़ज़ल हुई है, शेर दर शेर दाद कुबूल कीजिये. इस कठिन…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"आदरणीय  vivek kulkarni जी को ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से जन्मदिन की हार्दिक शुभ…"

मिथिलेश वामनकर replied Apr 24, 2015 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कभी इधर है कभी उधर है भाती कभी न एक डगर है इसने कब किसकी है मानी क्या सखि साजन? नहीं जवानी __ खींच-…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय तमाम जी, आपने भी सर्वथा उचित बातें कीं। मैं अवश्य ही साहित्य को और अच्छे ढंग से पढ़ने का…"
6 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय सौरभ जी सह सम्मान मैं यह कहना चाहूँगा की आपको साहित्य को और अच्छे से पढ़ने और समझने की…"
8 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह मुकरियाँ .... जीवन तो है अजब पहेली सपनों से ये हरदम खेली इसको कोई समझ न पाया ऐ सखि साजन? ना सखि…"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मुकरियाँ +++++++++ (१ ) जीवन में उलझन ही उलझन। दिखता नहीं कहीं अपनापन॥ गया तभी से है सूनापन। क्या…"
14 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"  कह मुकरियां :       (1) क्या बढ़िया सुकून मिलता था शायद  वो  मिजाज…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"रात दिवस केवल भरमाए। सपनों में भी खूब सताए। उसके कारण पीड़ित मन। क्या सखि साजन! नहीं उलझन। सोच समझ…"
21 hours ago
Aazi Tamaam posted blog posts
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
Thursday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service