For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Afroz 'sahr''s Discussions (474)

Discussions Replied To (472) Replies Latest Activity

"अश्क दो याद में तेरी में बहा भी न सकूँ ज़ख़्म वो दिल पे लगें हैं जो मिटा भी न सकूँ।…"

Afroz 'sahr' replied Sep 23, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

"आदरणीय समर साहब आदाब ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका मश्कूर हूँ। आपके मशवरे यकी़नन ग़ज़ल…"

Afroz 'sahr' replied Sep 22, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

"जनाब सलीम साहब शुक्रिया आपका आपने ग़जल को सराहा। सादर,,,,"

Afroz 'sahr' replied Sep 22, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

"आदरणीय अश्फ़ाक साहब बहुत बहुत मुबारकबाद आपको सुंदर ग़जल है वाह,,,,"

Afroz 'sahr' replied Sep 22, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

"जनाब समर साहब आदाब ग़जल के अश्आर पढ़कर बे साख़्ता जु़बाँ ने कहा वाह वाह वाहहहहहह हर…"

Afroz 'sahr' replied Sep 22, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

"जनाब रिज़वान साहब अच्छी ग़जल कही आपने शेर दर शेर दाद पेश करता हूँ। कुबूल करने की ज़ह…"

Afroz 'sahr' replied Sep 22, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

"आदरणीय महेंद्र जी आदाब सुंदर रचना के लिए सुंदर, सुंदर बधाई आपको। सादर,,,,,"

Afroz 'sahr' replied Sep 22, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

"जनाब सलीम साहब ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए दाद पेश करता हूँ ।कुबूल फ़रमाएँ । ये वो कि़स्मत…"

Afroz 'sahr' replied Sep 22, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

"आदरणीय निलेश जी बहुत आभारी हूँ आपका आपने मेरी उलझन को सुलझा दिया । आपने सही व्याख्या…"

Afroz 'sahr' replied Sep 22, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

"आदरणीय निलेश जी छटे शेर का उला मिसरा और मतले के सानी मिसरे की बहर क्या सही है कृपा क…"

Afroz 'sahr' replied Sep 22, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-87

581 Sep 23, 2017
Reply by Gajendra shrotriya

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बहुत सुंदर अभिव्यक्ति हुई है आ. मिथिलेश भाई जी कल्पनाओं की तसल्लियों को नकारते हुए यथार्थ को…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Jun 3
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Jun 3

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Jun 3
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service