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"आदरणीय गुनीजनों के  मार्गदर्शन पाते हुए  , रचनाकर्म के प्रति सतर्क हो  , अपनी क्षमता…"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"वाह ! बहुत  बढ़िया  ! ....आपके  ये  दोनों  प्रस्तुति  भी मन -मोहक हुई है आदरणीय सतविं…"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"वाह ! विषय अनुरूप बहुत ही खूबसूरत रचना बनी है आदरणीय ब्रजेन्द्र जी । बधाई स्वीकार कर…"

kanta roy replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"जी ,बिलकुल सही कह रहे है आप यह । बहुत महीन भाव उकेरती हुई यह अनुपम रचना हुई है । साद…"

kanta roy replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"वाह ! बेहद गम्भीर भाव में धूप को संदर्भित किये है आपने अपनी इस कविता में आदरणीय रतन…"

kanta roy replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"अद्वितीय है यहाँ शब्दों की झंकार, अलंकृत सी धूप को पढ़ना , आज जैसे पढ़ना सार्थक हुआ…"

kanta roy replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"बेहद मार्मिक चित्रांकन हुआ है यहाँ आपके द्वारा , जीवन के इन विषम और तीक्ष्ण धूप का ।…"

kanta roy replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"ख़ौफ़ है मुरझा न जाएँ ज़ुल्फ़ नाज़ुक हैं बहुत जानेजाँ इनको न तुम छत पर सुखाओ धूप है |----…"

kanta roy replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"आभार आपको तहेदिल आदरणीय तस्दीक़ जी रचना पर मेरा हौसला बढ़ाने के लिए ।"

kanta roy replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"एक तरफ जहाँ आपने कविता में प्रकृति की सुंदरता को शब्दों की माला पिरोई है वहीं दूसरी…"

kanta roy replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

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